Budget 2025: कैसी है देश की आर्थिक सेहत, जिस पर रहेगी निवेशकों नजर, चार्ट में देखिए

चालू वर्ष के लिए, नवंबर 2024 तक राजकोषीय घाटा पूंजीगत व्यय में मंदी के कारण सरकार के पूर्ण वर्ष के लक्ष्य का 52.5% था.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को मोदी 3.0 का पहला पूर्ण वर्ष का बजट पेश करेंगी.

ऐसे समय में जब खपत कमजोर है, निजी खपत सीमित है और आर्थिक विकास धीमा हो रहा है, निवेशक सरकार के तीसरे कार्यकाल के विजन, उसके वित्तीय लक्ष्य और कंसोलिडेशन के रास्ते, उधार लेने की आवश्यकताओं और खर्च की प्राथमिकताओं पर नजर रखेंगे.

वित्तीय घाटा: कंसोलिडेशन की तलाश

चालू वर्ष के लिए, नवंबर 2024 तक राजकोषीय घाटा पूंजीगत व्यय में मंदी के कारण सरकार के पूर्ण वर्ष के लक्ष्य का 52.5% था. सरकार ने अपने लक्ष्य 11.1 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 5.13 लाख करोड़ रुपये खर्च किए, जो एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 12% कम है.

कैपिटल एक्सपेंडीचर: लगातार जोर

अब तक के तीसरे कार्यकाल में, कैपेक्स पर वो तेजी अभी भी सामने नहीं आई है और सरकार मौजूदा रन रेट के आधार पर FY25 में लगभग 9.5 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य तय कर रही है, जो 11.1 रुपये के बजट अनुमान से लगभग 15% कम होगा. BofA में भारत के अर्थशास्त्री राहुल बाजोरिया ने कहा, काम को शुरू करने में देरी और खर्च करने की क्षमता जांच के दायरे में आ रही है.

हालांकि, कैपेक्स पर सरकार का जोर FY26 में जारी रहने की उम्मीद है. मॉर्गन स्टेनली के एनालिस्ट्स ने एक नोट में कहा, 'हमें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में कमजोर रुझान के बावजूद, केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर बजट में मजबूत कैपेक्स एक प्रमुख विषय बना रहेगा.

सकल उधारी: ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं

फिस्कल डेफिसिट में कंसोलिडेशन के बावजूद सकल उधारी में ज्यादा बदलाव की संभावना नहीं है. मॉर्गन स्टेनली के अनुमान के मुताबिक, बड़ी नॉमिनल GDP को देखते हुए, पूर्ण वित्तीय घाटा बढ़कर 16.2 लाख करोड़ रुपये होना चाहिए.

इसमें कहा गया है, "हमारा मानना ​​है कि डेफिसिट का लगभग 69% हिस्सा बाजार से उधार लेकर पूरा किया जाएगा, नतीजतन, हमारा अनुमान है कि शुद्ध भारतीय सरकारी बॉन्ड जारी करने में लगभग 11 लाख करोड़ रुपये की गिरावट जारी रहनी चाहिए'

नॉमिनल GDP ग्रोथ और टैक्स

HSBC के अनुमान के मुताबिक, रियल GDP ग्रोथ 6.5% और डिफ्लेटर 3.2% मानते हुए नॉमिनल GDP ग्रोथ करीब 9.7% रह सकती है. जबकि कॉरपोरेट टैक्स रेवेन्यू में सुधार हो सकता है, कैपिटल गेंस टैक्स में धीमापन होने की वजह से पर्सनल इनकम टैक्स नरमी आ सकती है. इनडायरेक्ट टैक्स ग्रोथ के अनुरूप रहने की संभावना के साथ, HSBC ने FY2026 में एक टैक्स में तेजी का अनुमान लगाया है.

रेवेन्यू घाटा और सब्सिडी

ICRA के अनुमान के अनुसार, रेवेन्यू एक्सपेंडीचर FY2025 के संशोधित अनुमान से थोड़ा अधिक होने की उम्मीद है, जो सब्सिडी के लिए अतिरिक्त आवंटन की वजह से है. FY26 में रेवेन्यू एक्सपेंडीचर 39.5-39.7 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है यानी 5.5-6% की ग्रोथ.