50 महीनों की सैलरी का बोनस, एक कंपनी ऐसी भी

ताइवान की एवरग्रीन मरीन कॉर्पोरेशन ने एक साल शानदाम काम और शानदार कमाई होने के बाद अपने कर्मचारियों में भी खुशी का इजहार करने के लिए बोनस देना का मन बनाया है. कंपनी की ओर से जो इशारा मिल रहा है उसके अनुसार कंपनी अपने कर्मचारियों को 50 महीने की सैलरी बोनस के रूप में देने जा रही है. यह बोनस कर्मचारी के ग्रेड और काम के अनुसार दिया जाएगा. साथ ही यह भी साफ है कि कंपनी यह बोनस केवल उन्हें कर्मचारियों को देगी जो ताइवान में रहकर कंपनी को सेवा दे रहे हैं. इस बारे में अभी तक कंपनी आधिकारिक बयान नहीं दिया है.

प्रतीकात्मक फोटो

ताइवान की एवरग्रीन मरीन कॉर्पोरेशन ने एक साल शानदाम काम और शानदार कमाई होने के बाद अपने कर्मचारियों में भी खुशी का इजहार करने के लिए बोनस देना का मन बनाया है. कंपनी की ओर से जो इशारा मिल रहा है उसके अनुसार कंपनी अपने कर्मचारियों को 50 महीने की सैलरी बोनस के रूप में देने जा रही है. यह बोनस कर्मचारी के ग्रेड और काम के अनुसार दिया जाएगा. साथ ही यह भी साफ है कि कंपनी यह बोनस केवल उन्हें कर्मचारियों को देगी जो ताइवान में रहकर कंपनी को सेवा दे रहे हैं. इस बारे में अभी तक कंपनी आधिकारिक बयान नहीं दिया है. 

एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी की ओर से केवल इतना ही बयान दिया गया है कि साल के अंत में दिया जाने वाला बोनस कंपनी के सालभर के काम पर निर्भर करता है और कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के काम के हिसाब से भी यह बोनस तय होगा. कंपनी ने बोनस पर ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया है.

बता दें कि एवरग्रीन मरीन की कमाई में तेजी से इजाफा इसलिए हुआ है क्योंकि पूरी शिपिंग इंडस्ट्री में पिछले दो साल में काफी उछाल आया. कोरोना काल के दौरान कंज्यूमर गुड्स और भाड़े में बढ़ोतरी की वजह से कंपनी के रेवेन्यू में 2022 तीन गुणा का इजाफा हुआ. 

जानकारी के लिए बता दें कि एवरग्रीन मरीन का नाम तब चर्चा में आया था जब 2021 में कंपनी का एक शिप सुएज नहर में फंस गया था. ताइपे के एक इकोनोमिक डेली न्यूज के अनुसार कंपनी 52 महीनों सैलरी बोनस के रूप में देने जा रही है. अखबार की पिछले हफ्ते की रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी के कुछ कर्मचारियों के खाते में 65000 डॉलर आ भी गया है. खबर में भी केवल सूत्रों की जानकारी है. किसने जानकारी दी इस बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है. 

उल्लेखनीय है कि कंपनी के इस कदम का फायदा केवल ताइवान में कार्यरत लोगों को सीधे मिल रहा है. कंपनी के शंघाई में कार्यरत लोगों की शिकायत है कि उन लोगों को वेतन का 5-8 गुणा ही  बोनस के रप में दिया जा रहा है. उन लोगों की शिकायत है कि कंपनी उनके साथ भेदभाव कर रही है.  

वैश्विक माहौल को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि आने वाले समय में कंपनी का मुनाफा इतना तेजी से नहीं बढ़ने वाला है. वैश्विक मंदी के आसार के बीच माना जा रहा है कि कंपनी का मुनाफा आगे कम होगा.
 

लेखक NDTV Profit Desk