सरकार ने सभी डाकघरों में जमा खातों के लिए बायोमीट्रिक पहचान संख्या आधार को अनिवार्य कर दिया है. अब डाकघरों में लोक भविष्य निधि (पीपीएफ), राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) तथा किसान विकास पत्र (केवीपी) के लिए अपना आधार नंबर देना जरूरी होगा. मौजूदा जमाकर्ताओं को 12 अंक की अपनी विशिष्ट पहचान संख्या देने के लिए 31 दिसंबर, 2017 तक का समय दिया गया है. वित्त मंत्रालय ने चार अलग गजट अधिसूचनाएं जारी कर सभी डाकघर जमा खातों, पीपीएफ, एनएससी और केवीपी खाते खोलने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया है.
29 सितंबर को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति को आधार नंबर नहीं मिला है तो उसे अपने आधार नामांकन का प्रमाण देना होगा. इसमें कहा गया है कि मौजूदा जमाकर्ताओं जिन्होंने आवेदन के समय अपना आधार नंबर नहीं दिया है वे संबंधित डाकघर बचत बैंक या संबंधित कार्यालय में इसे 31 दिसंबर 2017 या उससे पहले जमा कराएं.
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सरकार बैंक जमा खातों, मोबाइल फोन और कई अन्य सुविधाओं के लिए आधार नंबर अनिवार्य करने पर जोर दे रही है. इसके पीछे का मकसद बेनामी सौदों तथा कालेधन पर अंकुश लगाना है.
VIDEO : ईपीएफ पर असमंजस
पिछले महीने सरकार ने सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आधार नंबर हासिल करने की समयसीमा तीन महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दी थी. इससे पहले यह समयसीमा 30 सितंबर थी. इस विस्तार के दायरे में 35 मंत्रालयों की 135 योजनाएं आएंगी. इनमें गरीब महिलाओं के लिए मुफ्त रसोई गैस, केरोसिन और उर्वरक सब्सिडी तथा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली और मनरेगा योजनाएं आएंगी.
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