अडाणी ग्रुप 5G स्पेक्ट्रम पाने की रेस में शामिल होगा लेकिन टेलीकॉम सर्विस देने के लिए नहीं; बताई वजह

अडाणी समूह ने अपने डेटा सेंटर के लिए स्पेक्ट्रम का उपयोग करने की योजना बनाई है और साथ ही वह एक सुपर ऐप भी बना रहा है, जो उसके बिजली वितरण से लेकर हवाई अड्डों, गैस की खुदरा बिक्री से लेकर बंदरगाहों तक के व्यवसायों का समर्थन करेगा.

गौतम अडाणी का कॉन्गलोमरेट अब 5G स्पेक्ट्रम की दौड़ में है. (फाइल फोटो)

अरबपति कारोबारी गौतम अडाणी के समूह ने शनिवार को दूरसंचार स्पेक्ट्रम हासिल करने की दौड़ में शामिल होने की पुष्टि की. समूह ने कहा कि वह दूरसंचार स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल हवाई अड्डों से लेकर अपने व्यवसायों का समर्थन करने के लिए एक निजी नेटवर्क के रूप में करेगा. समूह ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत इस नीलामी के जरिए अगली पीढ़ी की 5जी सेवाएं शुरू करने की तैयारी कर रहा है, और हम खुली बोली प्रक्रिया में भाग लेने वाले कई आवेदनों में से एक हैं.''

शुक्रवार को अडाणी समूह के अचानक स्पेक्ट्रम दौड़ में शामिल होने की सूचना आई थी. इसके लिए अडाणी समूह का सीधा मुकाबला मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो और दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज सुनील भारती मित्तल की एयरटेल के साथ होगा. बयान में कहा गया, ‘‘हम हवाई अड्डों, बंदरगाहों और लॉजिस्टिक, बिजली उत्पादन, पारेषण, वितरण और विभिन्न विनिर्माण कार्यों में बढ़ी हुई साइबर सुरक्षा के साथ ही निजी नेटवर्क समाधान मुहैया कराने के लिए 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग ले रहे हैं.''

अडाणी समूह ने अपने डेटा सेंटर के लिए स्पेक्ट्रम का उपयोग करने की योजना बनाई है और साथ ही वह एक सुपर ऐप भी बना रहा है, जो उसके बिजली वितरण से लेकर हवाई अड्डों, गैस की खुदरा बिक्री से लेकर बंदरगाहों तक के व्यवसायों का समर्थन करेगा. बयान में कहा गया, ‘‘जैसा कि हम सुपर ऐप, डेटा सेंटर, और उद्योग नियंत्रण केंद्रों सहित अपना खुद का डिजिटल मंच बना रहे हैं, हमें अपने सभी व्यवसायों में 5जी नेटवर्क के जरिए अत्यधिक उच्च गुणवत्ता वाले डेटा स्ट्रीमिंग क्षमताओं की जरूरत होगी.''

पांचवीं पीढ़ी या 5जी दूरसंचार सेवाओं जैसे अत्यधिक उच्च गति वाला इंटरनेट संपर्क प्रदान करने में सक्षम इन एयरवेव की नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन शुक्रवार को कम से कम चार आवेदकों के साथ बंद हुए. ये नीलामी 26 जुलाई को होनी है.

दूरसंचार क्षेत्र की तीन निजी कंपनियों - जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने नीलामी के लिए आवेदन किया है. चौथा आवेदक अडाणी समूह है. समूह ने हाल ही में राष्ट्रीय लंबी दूरी (एनएलडी) और अंतरराष्ट्रीय लंबी दूरी (आईएलडी) के लिए लाइसेंस हासिल किया था.

दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई, 2022 से शुरू हो रही है और इस दौरान कम से कम 4.3 लाख करोड़ रुपये के कुल 72,097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की पेशकश की जाएगी.

अडाणी समूह ने कहा, ‘‘अगर हमें खुली बोली में 5जी स्पेक्ट्रम मिलता है, तो यह ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और कौशल विकास में अडाणी फाउंडेशन के निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि करने की हमारी हालिया घोषणा के अनुरूप होगा. इन क्षेत्रों को 5जी प्रौद्योगिकी से फायदा मिलेगा.'' समूह ने कहा, ‘‘यह पहल राष्ट्र निर्माण के हमारे दर्शन और आत्मनिर्भर भारत को समर्थन देने से जुड़ी हुई है.''

अंबानी और अडाणी, दोनों गुजरात के रहने वाले हैं और उन्होंने बड़े कारोबारी समूह बनाए हैं. हालांकि, अभी तक दोनों का किसी व्यवसाय में सीधा आमना-सामना नहीं हुआ था. अंबानी का कारोबार तेल और पेट्रोकेमिकल से दूरसंचार और खुदरा क्षेत्र तक फैला है, वहीं अडाणी बंदरगाह से लेकर कोयला, ऊर्जा वितरण और विमानन क्षेत्र में विस्तार किया.

हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि दोनों के हित काफी व्यापक होते जा रहे हैं, और अब उनके बीच संघर्ष के लिए मंच तैयार है.

अडाणी ने हाल के महीनों में पेट्रोकेमिकल कारोबार में प्रवेश के लिए एक सहायक कंपनी बनाई है. दूसरी ओर अंबानी ने भी ऊर्जा कारोबार में कई अरब डॉलर की योजनाओं की घोषणा की है.

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लेखक NDTV Profit Desk
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