एडीबी ने 2022-23 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान सात फीसदी पर अपरिवर्तित रखा

एशियाई विकास बैंक (एडीबी ADB) ने 2022-23 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 7 फीसदी पर अपरिवतर्तित रखा है. हालांकि उसका अनुमान है कि एशिया की वृद्धि की रफ्तार पहले के मुकाबले कुछ कमजोर रहने वाली है. एडीबी ने 2022-23 (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि सात फीसदी रहने का जो अनुमान जताया है वह सितंबर के अनुमान के समान ही है, इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. हालांकि 2021-22 में देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि 8.7 फीसदी रही थी.

प्रतीकात्मक फोटो

एशियाई विकास बैंक (एडीबी ADB) ने 2022-23 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 7 फीसदी पर अपरिवतर्तित रखा है. हालांकि उसका अनुमान है कि एशिया की वृद्धि की रफ्तार पहले के मुकाबले कुछ कमजोर रहने वाली है. एडीबी ने 2022-23 (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि सात फीसदी रहने का जो अनुमान जताया है वह सितंबर के अनुमान के समान ही है, इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. हालांकि 2021-22 में देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि 8.7 फीसदी रही थी.

उसने वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए भी जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 7.2 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा है.

एडीबी ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस वर्ष एशिया 4.2 फीसदी की दर से बढ़ेगा, 2023 में उसकी वृद्धि 4.6 फीसदी की दर से होने का अनुमान है. हालांकि पहले उसने इस वर्ष एशिया की वृद्धि दर 4.3 फीसदी और 2023 में 4.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया था.

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के 7 फीसदी की दर से वृद्धि करने का अनुमान है जिसकी वजह उसकी मजबूत घरेलू बुनियाद है.'' इसमें आगे कहा गया, ‘‘उच्च आवृत्ति वाले कुछ हालिया संकेतक अनुमान से कहीं अधिक अनुकूल हैं मसलन उपभोक्ताओं का विश्वास, बिजली आपूर्ति, पीएमआई जबकि कुछ ऐसे संकेतक हैं जो पूरी तरह से अनुकूल नहीं हैं वे हैं निर्यात विशेषकर कपड़ा और लौह अयस्क का तथा उपभोक्ता उत्पादों का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक.''

इसमें कहा गया कि 2023-24 के लिए 7.2 फीसदी के वृद्धि के अनुमान को बरकरार रखने की वजह संरचनात्मक सुधार और निजी निवेश को उत्प्रेरित करने वाले सार्वजनिक निवेश के सकारात्मक प्रभाव हैं.''

एडीबी ने कहा, ‘‘भारत में दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) के बीच अर्थव्यवस्था 6.3 फीसदी की दर से बढ़ी है, जो सार्वजनिक खपत में 4.4 फीसदी का संकुचन दर्शाता है. जबकि वैश्विक स्तर पर नरमी के बावजूद निर्यात 11.5 फीसदी की दर से बढ़ा.''

लेखक NDTV Profit Desk
जरूर पढ़ें
1 Lok Sabha Elections 2024: पांचवें चरण में भी कम रहा मतदान; 57.5% रहा वोटर टर्नआउट, 4.5% की गिरावट
2 Lok Sabha Elections 2024: शाम 7 बजे तक 57.5% मतदान, पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा और महाराष्ट्र में सबसे कम
3 PM गतिशक्ति योजना से तेज होगी भारत के ग्रोथ की रफ्तार; जानें कैसे बढ़ाएगी मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी?