एयर इंडिया के विनिवेश से पहले दूसरे उपक्रमों में भेजे जा सकते हैं कर्मचारी, सरकार कर रही विचार

एयर इंडिया के विनिवेश की दिशा में आगे बढ़ रही सरकार इस विमानन कंपनी के कर्मचारियों को सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य उपक्रमों में भेजने या उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) पैकेज देने की तैयारी कर रही है.

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

एयर इंडिया के विनिवेश की दिशा में आगे बढ़ रही सरकार इस विमानन कंपनी के कर्मचारियों को सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य उपक्रमों में भेजने या उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) पैकेज देने की तैयारी कर रही है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक क्षेत्र की इस एयरलाइन के विनिवेश का कर्मचारी यूनियनों द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है. सरकार ने हाल ही में कर्ज के बोझ तले दबी एयर इंडिया में 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी है. लेकिन इसके सुगम तरीके से रणनीतिक विनिवेश के प्रयास किए जा रहे हैं. मंत्रियों का समूह इसके विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा है. एयर इंडिया पर 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बोझ है. फिलहाल यह एयरलाइन करदाताओं के पैसे पर चल रही है.

विनिवेश का मकसद एयरलाइन का पुनरोद्धार करना है. मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि सरकार एयरलाइन के कर्मचारियों को सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य कंपनियों में जाने का विकल्प देने पर विचार कर रही है. इसके अलावा वीआरएस पैकेज पर भी विचार चल रहा है. सूत्रों ने बताया कि अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है.

नागर विमानन सचिव आर एन चौबे ने कहा, ‘‘कर्मचारियों के हितों के संरक्षण के लिए कई विकल्पों पर विचार चल रहा है.’’ एयर इंडिया और उसकी अनुषंगियों के कर्मचारियों की संख्या 29,000 है. इसमें ठेका कर्मचारी भी शामिल हैं. विभिन्न एयर इंडिया यूनियनों ने विनिवेश योजना का विरोध किया है.

VIDEO: मोदी कैबिनेट ने दी एयर इंडिया के विनिवेश की सैद्धांतिक मंजूरी



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

लेखक Bhasha
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