रिलायंस जियो 4जी के साथ उपजे इंटरकनेक्ट विवाद पर एक को छोड़कर अन्य में बनी सहमति

दूरसंचार कंपनियों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने अपने कामकाज तथा महत्वपूर्ण नीतिगत मामलों पर वोटिंग अधिकार को लेकर आलोचना के बीच कहा कि वह एक लोकतांत्रिक संगठन है. सीओएआई ने स्पष्ट किया कि इंटरनकनेक्ट के मुद्दे पर उसके छह में से पांच सदस्यों में सहमति थी.

रियालंस जियो को लॉन्च करते मुकेश अंबानी (फाइल फोटो)

दूरसंचार कंपनियों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने अपने कामकाज तथा महत्वपूर्ण नीतिगत मामलों पर वोटिंग अधिकार को लेकर आलोचना के बीच कहा कि वह एक लोकतांत्रिक संगठन है. सीओएआई ने स्पष्ट किया कि इंटरनकनेक्ट के मुद्दे पर उसके छह में से पांच सदस्यों में सहमति थी.

सीओएआई के महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने कहा, ‘‘हमारे छह सदस्य हैं. इनमें से पांच सदस्यों में इंटरकनेक्ट और अन्य मुद्दों पर सहमति थी.’’ उनका यह बयान ऐसे समय आया है जबकि नई कंपनी रिलायंस जियो ने सीओएआई के कामकाज और वोटिंग प्रक्रिया पर सवाल उठाया है. रिलायंस जियो भी सीओएआई की सदस्य है.

सीओएआई के तहत मौजूदा ऑपरेटरों का हाल में व्यावसायिक परिचालन शुरू करने वाली रिलायंस जियो के साथ इंटरकनेक्ट पॉइंट और विभिन्न नेटवर्कों के बीच कनेक्टिविटी को लेकर विवाद चल रहा है. जियो ने अपनी 4जी सेवाओं के लिए आक्रामक दरों की घोषणा की है.

मैथ्यूज ने रिलायंस जियो के इन आरोपों को खारिज किया कि वह मौजूदा ऑपरेटरों का मुखपत्र बन गया है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

लेखक Bhasha
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