हाइब्रिड, EV, SUV, मर्सिडीज सेडान, ऑडी, जगुआर... सड़कों पर इन गाड़ियों को देखकर मन मचलता होगा. कीमतें बढ़ी हैं. लोन भी महंगा हो गया है. ऐसे में इन शानदार गाड़ियों में सवारी का कोई और ऑप्शन है क्या?
कार लीजिंग एक ऐसा ही विकल्प है, जिसमें आप अपनी मनपसंद गाड़ी को 1 से 5 साल के लिए लीज पर ले सकते हैं. लेकिन क्या कार लीजिंग का ऑप्शन आपके लिए सही है? या फिर आपके लिए कार खरीदने का विकल्प ही बेहतर है, भले ही उसके लिए आपको कार लोन लेना पड़े?
इस सवाल का सही जवाब देने के लिए आपको पहले ये समझना होगा कि कार लीज पर लेना कार खरीदने से कितना अलग है और इसके फायदे क्या हैं?
कार लीजिंग के फायदे
सबसे पहले कार लीजिंग के फायदे जान लेते हैं:
सबसे बड़ी खूबी ये कि कार लीजिंग एक सस्ता विकल्प है. एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 24 लाख रुपये की कार को 3 साल के लिए लीज पर लेने पर आपको कुल 18 लाख रुपये खर्च करने होंगे. जबकि लोन पर खरीदने में करीब 26.5 लाख रुपये की देनदारी बनेगी.
ओनरशिप से जुड़े झमेलों से आप बच जाएंगे.
गाड़ी बदलने में आसानी होगी.
कंपनियों में कार लीजिंग के ऑप्शन का इस्तेमाल बढ़ रहा है.
डाउन पेमेंट का झंझट नहीं है.
लीज पर मिल रही हैं मारुति और ह्युंडई की कारें
मारुति जैसी कंपनी भी 12 से 48 महीने तक के लिए लीज पर गाड़ी लेने का ऑप्शन दे रही है. इसके लिए सिर्फ मंथली फीस देनी पड़ती है. स्विफ्ट डिजायर का मंथली रेंटल करीब 15 हजार रुपये है, तो वैगनआर का मंथली रेंटल 13,000 रुपये से शुरू होता है. ह्युंडई की गाड़ियों में भी लीजिंग का विकल्प है. इनकी मंथली फीस 15,000 रुपये से 40,000 रुपये तक है.
अपनी कार रखने का भी अलग ही है मजा
कार लीजिंग के इन फायदों के बावजूद अपनी गाड़ी रखने का मजा तो अलग ही है. अपनी कार को आप अपनी मर्जी से किसी भी तरह सजा सकते है या कानून के दायरे में रहते हुए मॉडिफाई भी करा सकते है. अपनी गाड़ी का आप अनलिमिटेड इस्तेमाल कर सकते हैं. पुरानी हो जाने के बाद आप उसे बेच कर अपनी नई कार के लिए कुछ पैसे भी जुटा सकते हैं.
कार खरीदना लंबे समय का कमिटमेंट है और अगर आप यह काम लोन लेकर कर रहे हैं, तब तो आप यही चाहेंगे कि आपको अपनी कार का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सकें. लेकिन, ये बात भी ध्यान में रखनी होगी कि अपनी कार के मेंटेंनेन्स का खर्च आपको खुद ही उठाना होगा और यह खर्च हर साल बढ़ता जाएगा.
किराए पर लेने से फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है
अगर आप नई-नई कारों के शौकीन हैं तो लीज करने का ऑप्शन शायद आपके लिए ज्यादा बेहतर रहेगा. कार लीज पर लेने का एक बड़ा फायदा ये है कि आप हर कुछ साल बाद एक नई कार का मजा ले सकते हैं. लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि कार लीज पर लेने के लिए आपको आम तौर पर 2 से 4 साल तक का कमिटमेंट करना पड़ता है.
लीज की लागत यानी उसके लिए किया जाने वाला मंथली पेमेंट इन बातों पर निर्भर करता है कि कार का मॉडल कौन सा है, आप उसे कितना इस्तेमाल करने वाले हैं और कितने समय के लिए लीज पर ले रहे हैं.
कार खरीदना बेहतर है या लीज पर लेना?
अगर आप कार को अपने हिसाब से रखना चाहते हैं और आपका इरादा उसे लंबे समय तक इस्तेमाल करने का है, तब तो कार लीज पर लेना आपके लिए फायदे का सौदा नहीं है. ऐसी हालत में आपके लिए कार खरीदना ही अच्छा रहेगा.
लेकिन अगर आप जल्दी-जल्दी कार बदलने का शौक रखते हैं, तो लीज का ऑप्शन आपके लिए बेहतर है. या अगर आपकी नौकरी ऐसी है, जिसमें आपका तबादला एक जगह से दूसरी जगह होता रहता है तो भी आपके लिए लीज का विकल्प बेहतर साबित हो सकता है. तो अगर आप भी हर कुछ साल में नई गाड़ी लेने के शौकीन हैं, तो कार लीजिंग के मार्केट को भी एक्सप्लोर करके देखिए. क्या पता आपको अपने बजट में अपनी ड्रीम कार मिल जाए!