सरकार ने कार कंपनियों को भेजा 10,000 करोड़ रुपये का GST नोटिस, क्या है पूरा मामला?

GST अथॉरिटी ने ज्यादातर कार मैन्युफैक्चर्रस को FY18-22 तक SUV सेल्स पर सेस का भुगतान नहीं करने पर ये नोटिस जारी किए हैं.

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देश की कई बड़ी कार कंपनियों को कम्पनसेशन सेस का भुगतान नहीं करने पर 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये के बीच के नोटिस (GST Notice) मिले हैं. मामले की जानकारी रखने वाले सरकारी अधिकारियों ने NDTV Profit को ये जानकारी दी है.

GST अथॉरिटी ने ज्यादातर कार मैन्युफैक्चर्रस को FY18-22 तक SUV की बिक्री पर सेस का भुगतान नहीं करने पर ये नोटिस जारी किए हैं.

कार कंपनियों का क्या कहना था?

अगस्त में कार कंपनियों ने GST कमिश्नरेट में अपील की थी. उन्होंने सेस नियमों में स्पष्टता नहीं होने का हवाला दिया था. उन्होंने इसे लेकर चिंता जताई थी कि SUVs को इन नियमों के तहत कैसे परिभाषित किया जाता है.

इसके अलावा इसे लेकर दिक्कत थी कि क्या ग्राउंड क्लीयरेंस 'Laden' या 'Unladen' के आधार पर देखा जाना चाहिए, मतलब गाड़ी में जब सामान लदा हो या जब गाड़ी खाली हो.

ऑटो कंपनियों का कहना था कि ग्राउंड क्लीयरेंस को 'Unladen' के आधार पर दिया जाएगा, इसे लेकर जुलाई 2023 में ही तस्वीर साफ हुई थी.

क्या कहता है नियम?

मौजूदा समय में SUVs पर 28% का GST रेट और 22% का अतिरिक्त कम्पनसेशन सेस लगता है. सेस इंजन क्षमता, ओवरऑल लंबाई और ग्राउंड क्लीयरेंस पर निर्भर करता है. 1,500 cc से ज्यादा इंजन कैपेसिटी, 4,000 mm से ज्यादा लंबाई और 170 mm या अधिक की ग्राउंड क्लीयरेंस पर पूरा 22% सेस लगेगा.

सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्रस (SIAM) ने इस मामले में वित्त मंत्रालय से दखल देने की मांग की है.

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