देश की लीडिंग कार कंपनियों में से एक मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India Ltd.) के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं. मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के कमजोर नतीजों, एनालिस्ट्स के अनुमानों, ब्रोकरेज हाउसेज की रेटिंग्स और आने वाली चुनौतियां तो कुछ यही इशारा कर रही हैं.
मंगलवार को जारी नतीजों के अनुसार, स्विफ्ट मेकर इस कंपनी का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट साल-दर-साल 17.4% गिरकर 3,069 करोड़ रुपये रह गया, जबकि रेवेन्यू में मामूली (0.4%) बढ़त देखी गई और ये आंकड़ा 37,203 करोड़ रुपये रहा. रेवेन्यू ब्लूमबर्ग के अनुमानों के मुताबिक रहा, लेकिन प्रॉफिट में बड़ा निगेटिव अंतर देखने को मिला.
कंपनी का EBITDA मार्जिन 11.9% रहा, जो नोमुरा और सर्वसम्मति अनुमानों से कम है, जो हायर सेल्स प्रोमोशन के खर्चों और एडवर्स कमोडिटी प्राइसेज के चलते हुआ. नोमुरा ने मार्जिन की स्थिरता के बारे में चिंता व्यक्त की.
ब्रोकरेज ने तीन वर्षों में मारुति के घरेलू पर्सनल व्हीकल्स के ग्रोथ अनुमान को कम करने के बाद एक नोट में कहा, 'हमारा मानना है कि कंपनी ने जो ऑफर पेश किए, जो छूट दी हैं, उससे फेस्टिव ग्रोथ को सपोर्ट मिला है और ये अंडरलेइंग डिमांड में सुधार नहीं दिखाता है.
नोमुरा ने मारुति सुजुकी इंडिया के शेयर पर अपनी 'न्यूट्रल' रेटिंग बरकरार रखी, लेकिन टारगेट प्राइस को 13,133 रुपये से घटाकर 12,455 रुपये कर दिया, जो कि पिछले क्लोजिंग प्राइस के मुकाबले 12.8% की संभावित बढ़त है. इसने EBITDA मार्जिन के पूर्वानुमान में भी कटौती की.
मार्केट शेयर में टाटा, महिंद्रा की सेंधमारी!
मारुति सुजुकी इंडिया के हालिया नतीजों ने विश्लेषकों को देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी के लिए निकट भविष्य में स्पष्ट चुनौतियों और बाधाओं की ओर इशारा किया है.
जेफरी को मारुति सुजुकी इंडिया के शेयर पर 'किसी भी शानदार रिटर्न' की उम्मीद नहीं है, जब तक कि पैसेंजर व्हीकल्स की डिमांड या कंपनी के मार्केट शेयर आउटलुक में सुधार नहीं दिखता.
इसने चालू वर्ष की पहली छमाही में कंपनी के मार्केट शेयर में रिकार्ड गिरावट का जिक्र किया. SUV की मांग में तेज बदलाव और अन्य कारों की तुलना में इस सेगमेंट में कंपनी की कमजोर उपस्थिति के चलते कंपनी का मार्केट शेयर 12 साल के निचले स्तर पर चला गया है.
मारुति की घरेलू कंपटीटर कंपनियां टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के पास SUV सेगमेंट में कारों की एक बड़ी सीरीज एवलेबल हैं, जिसके दम पर दोनों कंपनियां मारुति के मार्केट शेयर में सेंध लगा रही हैं.
जेफरीज ने एक नोट में कहा, 'मारुति सुजुकी को हाइब्रिड कारों पर सार्थक टैक्स कटौती का कुछ हद तक फायदा मिल सकता है, क्योंकि कंपनी अपने हाइब्रिड पोर्टफोलियो का विस्तार कर रही है.' ब्रोकरेज ने इसके शेयरों की रेटिंग 'खरीदें' से घटाकर 'होल्ड' कर दी है और टारगेट प्राइस 1% कम कर के 10,900 रुपये कर दिया है.
...हालांकि इन्वेंटरी सपोर्ट, पॉजिटिव संकेत
सिटी ने कमजोर तिमाही नतीजों और मार्जिन प्रेशर को देखते हुए, इस सेक्टर में मारुति सुजुकी इंडिया को अपनी टॉप पिक्स में बनाए रखा है और रेटिंग भी 'खरीदें' पर बरकरार रखा है.
ब्रोकरेज ने कहा कि कंपनी मैनेजमेंट, रिटेल वॉल्यूम में YoY 14% बढ़ोतरी के साथ फेस्टिव डिमांड को लेकर पॉजिटिव है. मौजूदा सीजन में कारों पर डिस्काउंट भी चरम पर है और ऐसे में अक्टूबर के अंत तक इन्वेंट्री कम होकर केवल एक महीने की सप्लाई के बराबर रह जाने की उम्मीद है.
सिटी के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में इन्वेंट्री के कम लेवल के चलते थोक प्रदर्शन में सुधार देखने को मिल सकता है.
मारुति सुजुकी इंडिया के शेयर मंगलवार को 4% गिरकर 11,046 रुपये पर बंद हुए, जबकि बेंचमार्क निफ्टी 50 में 0.5% की बढ़त दर्ज की गई. हालांकि बुधवार को बाजार खुलने पर शेयरों में सुधार दिखा. सुबह करीब 10 बजे NSE पर मारुति सुजुकी के शेयर 2.12% की उछाल के साथ 11,286 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहे थे.