देश की लीडिंग इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स मेकर कंपनी ओला इलेक्ट्रिक (OLA Electric) पर इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोपों को लेकर भी SEBI की नजरें टिकी हुई हैं. मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने NDTV प्रॉफिट को ये जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि SEBI, ओला इलेक्ट्रिक की ट्रेडिंग गतिविधियों और संबंधित पक्षों के लेनदेन की गंभीर जांच कर रहा है.
इनसाइडर ट्रेडिंग का मतलब होता है किसी कंपनी से जुड़ी गैर-सार्वजनिक, अहम जानकारी के आधार पर शेयरों की खरीद-बिक्री करना. ये भारत समेत दुनियाभर के बाजारों में कानूनी रूप से प्रतिबंधित है. इससे आम निवेशकों को नुकसान हो सकता है और बाजार की पारदर्शिता पर असर पड़ता है.
सूत्रों के अनुसार, SEBI दो लेवल पर ओला इलेक्ट्रिक की इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़ी गतिविधियों की पड़ताल कर रहा है. जांच के दायरे में वो ट्रेड्स हैं जो अक्टूबर 2024 से दिसंबर 2024 के बीच हुए. इन ट्रेड्स में कंपनी के अंदरूनी लोगों द्वारा संभावित लाभ के लिए शेयरों की खरीद-बिक्री की आशंका जताई गई है.
VP क्लॉडियो जिजो पर तीखी नजर!
जांच में सबसे प्रमुख नाम ओला इलेक्ट्रिक के वाइस प्रेसिडेंट (VP) क्लॉडियो जिजो का सामने आया है. सूत्र बताते हैं कि उन्होंने अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच तीन बार शेयरों की खरीद और बिक्री की. ये भी सामने आया है कि क्लॉडियो जिजो ने कंपनी के लिस्ट होने के बाद से अब तक कुल 5 बार ऐसे 'बाय-सेल ट्रेड्स' किए हैं, जो कि सामान्य निवेशक व्यवहार से हटकर माने जा रहे हैं.
क्लाउडियो जिजो, कंपनी के इलेक्ट्रिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स डिवीजन के भी प्रमुख हैं. उन्होंने अक्टूबर-दिसंबर 2024 के दौरान ट्रेड किया, जब फाउंडर भाविश अग्रवाल ने व्यावसायिक विकास के बारे में सोशल पोस्ट किया था.
26 नवंबर 2024 को दोपहर 2:46 बजे अग्रवाल ने ओला एस1 जेड और गिग रेंज के इलेक्ट्रिक स्कूटर के लॉन्च के बारे में पोस्ट किया, 'सिर्फ 39,000 रुपये से शुरू', लेकिन स्टॉक एक्सचेंजों को बाजार बंद होने के बाद शाम 5:03 बजे ही इसकी जानकारी दी गई.
ओला इलेक्ट्रिक ने मार्केट क्लोज होने तक 5.52% की बढ़त के साथ 73.42 रुपये/शेयर पर कारोबार समाप्त किया. उसी दिन, जिजो ने 87.97 रुपये/शेयर के हिसाब से 54,72,534.6 रुपये मूल्य के 62,205 शेयर खरीदे.
अगले तीन दिनों में उन्होंने इनमें से लगभग सभी शेयर बेच दिए. 27 नवंबर को शेयर में 20% का अपर सर्किट लगा. इसके अलावा, 9 अगस्त 2024 को ओला इलेक्ट्रिक की लिस्टिंग के बाद से जिजो ने केवल चार अन्य ट्रेड ट्रांजैक्शन किए हैं.
इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर और MD श्रीराम सुब्रमण्यन ने कहा, 'इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए ये जरूरी है कि केवल उसके पास ही कुछ ऐसी जानकारी हो जो मूल्य के प्रति संवेदनशील हो, और केवल उसे ही ट्रेड से लाभ हुआ हो. नए लॉन्च और विस्तार योजनाओं में मूल्य के प्रति संवेदनशील जानकारी का संकेत नहीं हो सकता है.'
हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि कुछ ही दिनों के भीतर भारी मात्रा में शेयरों की खरीद-बिक्री की प्रकृति अजीब लगती है और SEBI इसकी जांच कर सकता है. बता दें कि SEBI ने पहले भी ओला इलेक्ट्रिक को समय पर खुलासे न करने के मामले में फटकार लगाई थी.
इन गड़बड़ियों पर भी नजर
इनसाइडर ट्रेडिंग के अलावा, SEBI की नजर ओला इलेक्ट्रिक से जुड़ी रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शंस और बिक्री के आंकड़ों में असंगतियों पर भी है. ऐसे लेनदेन आम तौर पर कंपनी से जुड़े लोगों या संस्थाओं के बीच होते हैं और अगर इन्हें पारदर्शी तरीके से नहीं दिखाया गया है तो ये नियामकीय उल्लंघन में आते हैं.
इस मामले को लेकर ये साफ नहीं हो पाया है कि SEBI ने अब तक ओला इलेक्ट्रिक से औपचारिक रूप से संपर्क किया है या नहीं. NDTV प्रॉफिट ने 30 अप्रैल 2025 को SEBI और ओला इलेक्ट्रिक, दोनों को इस मुद्दे पर ईमेल भेजे थे, लेकिन खबर लिखे जाने तक उनका कोई जवाब नहीं मिला.