इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles ) की बिक्री में 2030 तक तेजी जारी रहने की संभावना है. KPMG और CII की रिपोर्ट के मुताबिक, 2-व्हीलर और 3- व्हीलर वाहनों की बिक्री हावी रहने की उम्मीद है.
KPMG और CII की साझा रिपोर्ट इस बात का जिक्र भी करती है कि देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को अपनाने के मामले में एक बड़ा मोड़ तब देखा जा सकता है जब गाड़ियों के सभी सेगमेंट में EV चलाने वालों की संख्या और बचत, पारंपरिक इंजन (Internal Combustion Engines) पर चलने वाले वाहनों के मुकाबले काफी बढ़ जाए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि EV की तरफ शिफ्ट करना, अब अनिश्चितता नहीं है, लेकिन सवाल है कब. KPMG ने कहा, विकासशील बुनियादी ढांचे, सरकारी प्रोत्साहन और नए EV मॉडल के लॉन्च के साथ एडॉप्शन लेवल में भविष्य में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.
KPMG ने कहा कि EV को अपनाने के एडवांस लेवल को हासिल करने के लिए इसे कॉम्पिटिटिव टेक्नोलॉजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर से मदद करने की जरूरत है.
ICE से EV में शिफ्टिंग से क्या बदलेगा
EV क्रांति में टेक्नोलॉजी सबसे आगे है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ICE से EV में शिफ्टिंग ने वाहन में इलेक्ट्रॉनिक कंटेंट को 16% से बढ़ाकर 55% कर दिया है, इससे वाहन में कई नए फीचर जुड़े हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले कुछ वर्षों में, भारत सरकार ने FAME योजना जैसी नीतियों और योजनाओं का मसौदा तैयार किया है, जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक कारों के लिए 30%, कमर्शियल वाहनों के लिए 70% और बसों के लिए 40% बिक्री हासिल करना है. वहीं, 2030 तक ये 2-व्हीलर और 3-व्हीलर के लिए 80% है.
'भारत टेक हब बन रहा है'
भारत में KPMG के पार्टनर और लीड, ऑटोमोटिव जेफरी जैकब ने कहा, 'भारत दुनिया के लिए एक टेक हब बन रहा है और इससे हमें लाभ हो रहा है.'
उन्होंने कहा, 'टेक्नोलॉजी भारत में EV के परिदृश्य को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. जबकि कई मौजूदा इनोवेशन भविष्य में स्टैंडर्ड ऑफरिंग बनने जा रहे हैं और इसके साथ नए फीचर को जोड़ना/नई टेक्नोलॉजी का डेवलपमेंट एक सतत प्रक्रिया होने जा रही है.
KPMG ने कहा कि जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी सेंटर में आई है, इस डोमेन में नए कम्पोनेंट के सप्लायर प्रवेश कर सकते हैं. इसके साथ, नए बिजनेस अवसरों का लाभ उठा सकते हैं.