महंगी हो जाएंगी SUVs और MPVs! अब लगेगा 22% सेस, GST काउंसिल ने परिभाषा भी बदली

अभी तक यूटिलिटी व्हीकल्स पर उनके साइज के हिसाब से 28% GST के ऊपर अलग अलग सेस लगाया जाता है.

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स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (SUV) और मल्टीपर्पज व्हीकल (MPV) के दाम आने वाले समय में बढ़ सकते हैं. GST काउंसिल की मंगलवार को हुई बैठक में SUV और MPV पर लगने वाला सेस 2% बढ़ा दिया गया है.

SUV/MPV पर सेस बढ़ाया

GST काउंसिल ने SUV और MPV पर सेस को 20% से बढ़ाकर 22% कर दिया है जो कि सेस की सबसे ऊंची दर है. ये सेस SUV और MPV पर लगने वाले 28% GST के ऊपर लगाया जाएगा.

अभी तक यूटिलिटी व्हीकल्स पर उनके साइज के हिसाब से 28% GST के ऊपर अलग अलग सेस लगाया जाता है. किस पर कितना सेस लगेगा कौन किस कैटेगरी में आएगा इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए GST काउंसिल ने SUV की परिभाषा में हल्का सा बदलाव किया है.

GST काउंसिल ने यूटिलिटी व्हीकल (UV) की परिभाषा के लिए तीन पैरामीटर तय किए हैं. जो भी यूटिलिटी व्हीकल इन पैरामीटर्स के खांचे में फिट होगा उस पर 22% सेस लगाया जाएगा.

SUV के लिए तीन पैरामीटर

  • 1- अगर व्हीकल की लंबाई 4000mm या 4 मीटर से ज्यादा है

  • 2- जिस व्हीकल की इंजन क्षमता 1500cc से ज्यादा

  • 3- जिस व्हीकल का ग्राउंड क्लियरेंस बिना सवारी के 170mm या इससे ज्यादा है.

GST काउंसिल के फैसले पर मारुति ने क्या कहा

मारुति सुजुकी इंडिया के सीनियर एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (मार्केटिंग एंड सेल्स) शशांक श्रीवास्तव ने कहा, 'कई मीडिया रिपोर्ट्स से, ऐसा लगता है कि 28% GST स्लैब पर 22% सेस अब तीन शर्तों को पूरा करने वाले सभी वाहनों के लिए लागू है - जिसकी लंबाई 4 मीटर से ज्यादा हो, इंजन क्षमता 1,500cc से ज्यादा हो, और 170 मिमी से ज्यादा ग्राउंड क्लीयरेंस हो.'

उन्होंने कहा कि, पहली नजर में इससे 22% सेस लगने वाले वाहनों की परिभाषा को लेकर भ्रम दूर हो जाता है, खासकर बिना सवारी वाहन की स्थिति में लिया जाने वाला ग्राउंड क्लीयरेंस.'

जब उनसे ये पूछा गया कि इसका गाड़ियों की कीमतों पर क्या असर पड़ेगा, तो उन्होंने कहा कि 'मारुति सुजुकी के पास इनविक्टो को छोड़कर 1.5 लीटर से ऊपर के इंजन साइज वाला कोई वाहन नहीं है, लेकिन इनविक्टो के पास केवल एक हाइब्रिड वर्जन है, इसलिए टॉप सेस लागू नहीं होना चाहिए हालांकि, इसके लिए हमें पहले नोटिफिकेशन को पूरा पढ़ना और अध्ययन करना होगा.'

अभी कैसे लगता है सेस

गाड़ियों पर अभी उनके टाइप के हिसाब से 1% से लेकर 22% तक सेस लगाया जाता है, अब SUV की परिभाषा में बदलाव से एक फायदा ये होगा कि SUV पर कितना सेस लगेगा, ये बहस खत्म हो गई.

अब यूटिलिटीज व्हीकल जिन पर अबतक 20% सेस लग रहा था, अब 22% लगेगा. यानी जो भी यूटिलिटी व्हीकल्स इन तीन पैरामीटर्स पर आएंगे, उन पर 22% सेस लगेगा, चाहे कंपनियां उसे किसी भी नाम से पुकारें.

अब सेस बढ़ने के बाद SUV/MPV कीमतें बढ़ेंगी, क्योंकि ऑटो कंपनियां इस सेस को कंज्यूमर पर डालेंगी. अभी मार्केट बहुत सी SUV/MPV हैं जिनके दाम आने वाले समय में बढ़ सकते हैं, जैसे- किया कैरेंस, टोयोटा इनोवा क्रिस्टा, टोयोटा हाईक्रॉस वगैरह.

आज ऑटो शेयरों में हल्की गिरावट के साथ कारोबार होता दिख रहा है, सुबह के 9:25 बजे तक M&M का शेयर 1% नीचे है, मारुति में भी 0.60% की गिरावट है.