उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 11 जुलाई को बुलाई सभी EV कंपनियों की बैठक, जानिए क्यों?

उत्तर प्रदेश भारत के सबसे बड़े कार मार्केट्स में से एक है, जो दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोटिव बाजार का 10% से अधिक हिस्सा है.

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को लेकर एक्शन में है. राज्य सरकार की ओर से जारी एक सर्कुलर के मुताबिक 11 जुलाई को इलेक्ट्रिक व्हीकल क्षेत्र से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर की एक बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में सभी इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरर्स को बुलाया गया है.

क्यों बुलाई गई बैठक?

इस बैठक के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरर्स को FAME-II स्कीम के दायरे के बारे में अपना रुख साफ करना चाहती है. सर्कुलर के मुताबिक मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा समेत कई कारमेकर्स को इस बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है. सर्कुलर में कहा गया है कि इस बैठक का मकसद FAME-II के तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माताओं को मिलने वाली वित्तीय इंसेंटिव्स को लेकर चर्चा करना है.

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योगी सरकार की तरफ से ये बैठक उस फैसले के बाद हो रही है जिसमें राज्य सरकार ने हाइब्रिड कारों पर रजिस्ट्रेशन फीस को माफ किया है.

5 जुलाई, 2024 के एक सर्कुलर में उत्तर प्रदेश की सरकार ने तय किया है कि 'हाइब्रिड कारों' और 'प्लग इन हाइब्रिड कारों' पर रजिस्ट्रेशन फीस को 100% माफ किया जाता है, जो कि तत्काल प्रभाव से लागू भी हो चुका है.

उत्तर प्रदेश सरकार 10 लाख रुपये से कम कीमत वाले 4-व्हीलर्स पर 8% और 10 लाख रुपये और उससे ज्यादा कीमत वाली गाड़ियों पर 10% रोड टैक्स लेती है.

EV का बड़ा मार्केट है उत्तर प्रदेश

निश्चित रूप से, उत्तर प्रदेश भारत के सबसे बड़े कार मार्केट्स में से एक है, जो दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोटिव बाजार का 10% से अधिक हिस्सा है. साल 2024 की पहली छमाही में, उत्तर प्रदेश राज्य ने 2,36,097 यूनिट्स की रिटेल बिक्री की थी, जो जनवरी-जून 2023 में 2,08,092 यूनिट्स से 13.46% ज्यादा है.

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