Aviom Insolvency: एविओम इंडिया हाउसिंग फाइनेंस में ऑथम इन्वेस्टमेंट और JC फ्लावर्स ARC ने दिखाई दिलचस्‍पी!

हालांकि इन कंपनियों की ओर से अभी औपचारिक रूप से एक्‍सप्रेशन ऑफ इंटरेस्‍ट (EOI) नहीं आया है.

सांकेतिक तस्‍वीर (Source: Canva)

वित्तीय संकट से जूझ रही हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एविओम इंडिया हाउसिंग फाइनेंस (Aviom India Housing Finance) को खरीदने में अब दो बड़ी कंपनियों ने रुचि दिखाई है. जानकारी के अनुसार, ऑथम इन्वेस्टमेंट (Authum Investment & Infrastructure Ltd.) और JC फ्लावर्स ARC (JC Flowers Asset Reconstruction Company) इसके अधिग्रहण की तैयारी कर रही हैं.

हालांकि इन कंपनियों की ओर से अभी औपचारिक रूप से एक्‍सप्रेशन ऑफ इंटरेस्‍ट (EOI) यानी एक तरह से रुचि-पत्र नहीं आया है, लेकिन उन्होंने एविओम एडमिनिस्‍ट्रेशन से बातचीत शुरू कर दी है.

जनवरी में शुरू हुई दिवाला प्रक्रिया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जनवरी 2025 में एविओम इंडिया के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू की थी. इसके बाद फरवरी में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने इस प्रक्रिया को औपचारिक रूप से मंजूरी दी.

इसके लिए पंजाब नेशनल बैंक के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक राम कुमार को एडमिनिस्‍ट्रेटर यानी प्रशासक नियुक्त किया गया. 13 मई को एडमिनिस्‍ट्रेटर ने संभावित निवेशकों से रुचि पत्र (EOI) आमंत्रित किए हैं. इन्हें 28 मई तक जमा कराना होगा.

बड़े निवेशकों की दिलचस्पी

ऑथम इन्वेस्टमेंट इससे पहले रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड को 2023 में खरीद चुका है. वहीं JC फ्लॉवर्स ARC को यस बैंक की करीब ₹48,000 करोड़ की NPA (गैर-निष्पादित संपत्ति) खरीद के लिए जाना जाता है. उसने ये पोर्टफोलियो ₹11,000 करोड़ से थोड़े ज्यादा में खरीदा था.

दोनों कंपनियों से एविओम इंडिया से जुड़े पूछे गए सवालों पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

कितनी है एविओम पर देनदारी?

Aviom की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, कंपनी पर ₹1,360 करोड़ की वित्तीय देनदारी है. इन दावों को मान्यता दी गई है और एक क्रेडिटर्स कमेटी (CoC) बनाई गई है.

इस कमेटी की अगुवाई BlueOrchard कर रहा है, जो एविओम का सबसे बड़ा निवेशक है. ये एक स्विट्जरलैंड बेस्‍ड इम्पैक्ट इन्वेस्टर है.

अन्य बड़े कर्जदाताओं में जापान ASEAN वुमन इम्‍पावरमेंट फंड, लक्‍समबर्ग बेस्‍ड InsuResilience Investment Fund, और LIC हाउसिंग फाइनेंस शामिल हैं.

क्‍या है कंपनी का काम-धाम?

एविओम इंडिया, मुख्य रूप से कम आय वाले परिवारों की महिलाओं को हाउसिंग लोन देती थी. कंपनी 13 राज्यों के सब-अर्बन यानी अर्ध-शहरी इलाकों में काम कर रही थी और इसका लोन पोर्टफोलियो करीब ₹1,800 करोड़ का था.

हालांकि फंड मैनेजमेंट में भारी गड़बड़ी के कारण कंपनी गंभीर वित्तीय संकट में आ गई. जनवरी में NDTV Profit ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि Aviom ने उच्च ब्याज दरों (40-50%) पर प्राइवेट मनीलेंडर्स से कर्ज लिया था.

RBI ने क्यों उठाया सख्त कदम?

सामान्यतः RBI किसी रेगुलेटेड लेंडर के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया नहीं चलाता, लेकिन जब वित्तीय स्थिति अत्यधिक खराब हो जाती है, तो ये कदम उठाना जरूरी हो जाता है. इससे पहले RBI ने देवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, SREI इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के खिलाफ भी ऐसी कार्रवाई की थी.

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