रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का मानना है कि अगर अर्थव्यवस्था स्थिर रहती है तो इंडियन बैंकिंग सिस्टम में ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट रेश्यो मार्च 2025 तक गिरकर 2.5% पर आ सकता है.
RBI के मुताबिक, शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों की एसेट क्वालिटी में लगाता सुधार हुआ है और इनका ग्रॉस NPA रेश्यो मार्च 2024 में 12 साल के सबसे कम स्तर; 2.8% पर पहुंच गया है.
मध्यम तनाव (Middle Stress Condition) वाली स्थिति में ग्रॉस NPA रेश्यो फ्लैट 2.8% पर बना रह सकता है. जबकि गंभीर स्थिति में ये आंकड़ा 3.3% तक पहुंच सकता है.
2020 से ग्रॉस NPA में आ रही है कमी
कुलमिलाकर मार्च 2020 से ग्रॉस NPA रेश्यो में लगातार कमी आ रही है, ऐसा NPA Accretions में आ रही कमी और राइट ऑफ की बढ़ती संख्या के चलते हुआ है.
RBI के एसेसमेंट के मुताबिक FY24 में पिछले साल की तुलना में राइट ऑफ की संख्या में कमी आई है, लेकिन ग्रॉस NPA का रेश्यो ऊंचाई पर बरकरार है. ऐसा इसलिए है क्योंकि बैड लोन्स की संख्या में काफी कमी आई है.
पर्सनल लोन के ग्रॉस NPA रेश्यो में भी गिरावट
वहीं तमाम तरह के बैंकों में पर्सनल लोन के ग्रॉस NPA रेश्यो में कमी आई है. इंडस्ट्रियल सेक्टर में व्हीकल और ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट सेक्टर को छोड़कर सभी बड़ी सब-सेक्टर्स कैटेगरी में एसेट क्वालिटी में सुधार हुआ है.
भविष्य के स्ट्रेस पर नजर डालें तो सभी बैंकों में 'स्पेशल मेंशन अकाउंट कैटेगरी लोन्स' में मार्च 2024 में गिरावट आई है.