प्राइवेट सेक्टर का सबसे बड़ा बैंक HDFC बैंक अपने बढ़ते क्रेडिट-डिपॉजिट रेश्यो को कम करने के लिए 9,062.38 करोड़ रुपये वैल्यू के 1,08,711 कार लोन बेचने की योजना बना रहा है. बैंक इस बिक्री को 'पास थ्रू सर्टिफिकेट (PTCs) के जरिए करेगा.
मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति के मुताबिक, ये भारत में PTCs की सबसे बड़ी बिक्री हो सकती है. बुधवार को एक बयान में, रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (India Ratings & Research) ने कहा कि उसने HDFC बैंक को यूनिवर्सल ट्रस्ट AL1 प्रोविजनल रेटिंग दी है. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि रेटिंग अस्थायी है और कुछ दस्तावेजों और कुछ कदमों की घटना पर निर्भर करती है.
इंडिया रेटिंग्स के अनुसार, एसेट्स को 3,500 करोड़ रुपये, 1,800 करोड़ रुपये और 3,762.38 करोड़ रुपये के तीन पूल में बाटा गया है. पूल सितंबर 2026, जुलाई 2027 और सितंबर 2030 में मैच्योर होंगे. पूल में लोन का औसत वेटेड ऐवरेज लोन टू वैल्यू 84.7% था. पूल में औसत ओरिजिनल लोन बैलेंस 1,058,882 रुपये और 8.92% का इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न था.
कैसा है HDFC का क्रेडिट टू डिपॉजिट रेश्यो
30 जून तक, HDFC बैंक का क्रेडिट-डिपॉजिट रेश्यो 105% था, जिसका मतलब है कि बकाया लोन बैंक के जमा डिपॉजिट से अधिक था. हाई क्रेडिट-डिपॉजिट रेश्यो से पता चलता है कि लेंडर के पास एसेट्स ग्रोथ के लिए सीमित गुंजाइश है. जुलाई 2023 में हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन के साथ विलय के बाद से लेंडर को हाई क्रेडिट-डिपॉजिट रेश्यो का सामना करना पड़ा है.
30 जून को बैंक की बकाया लोन बुक 24.87 लाख करोड़ रुपये थी, जबकि उसका ऑटो लोन पोर्टफोलियो 1.33 लाख करोड़ रुपये था. रेटिंग एजेंसी ने 0.9%-1.2% की बेस केस ग्रॉस डिफॉल्ट रेट रखा है. इसने रेटिंग पर पहुंचने के लिए 9-12 महीने के बेस केस रिकवरी समय के साथ 70% -80% की बेस केस रिकवरी रेट मान ली है.
रेटिंग एजेंसी ने अपने बयान में कहा कि पूल में 15.2 महीनों 20.8% कर्ज चुकाया गया है.