भारतीय निवासी खोल सकेंगे फॉरेन करेंसी अकाउंट, RBI ने बढ़ाया LRS स्कीम का दायरा

RBI ने कहा कि इस स्थिति की समीक्षा की गई और ये फैसला लिया गया कि किसी भी ऑथराइज्ड व्यक्ति को LRS के तहत सभी उद्देश्यों के लिए IFSCs को रेमिटेंस सेवाएं दी जा सकती हैं.

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अब कोई भारतीय निवासी (Indian resident) भी गिफ्ट सिटी (GIFT City) में फॉरेन करेंसी अकाउंट को खोल सकता है, जिसमें वो रिजर्व बैंक की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (Liberalised Remittance Scheme) के तहत किसी भी काम के लिए पैसों को भेज सकता है. इस स्कीम के तहत कोई भी व्यक्ति सालाना 2.5 लाख डॉलर विदेश भेज सकता है.

LRS स्कीम का दायरा बढ़ाया, क्या फायदा होगा

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भारत के GIFT इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर (IFSCs) में फाइनेंशियल सर्विसेज और प्रोडक्ट्स में एक्सेस बढ़ाने के लिए भारतीय निवासियों को फॉरेन करेंसी अकाउंट्स खोलने की इजाजत देकर रेमिटेंस का दायरा बढ़ाया है.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि मौजूदा वक्त में LRS स्कीम के तहत इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज को भेजा गया पैसा IFSC के तहत सिक्योरिटीज में निवेश और कुछ खास कोर्स के लिए के लिए IFSC में विदेशी यूनिवर्सिटीज या संस्थानों की फीस का भुगतान करने तक ही सीमित है.

RBI ने कहा कि इस स्थिति की समीक्षा की गई और ये फैसला लिया गया कि किसी भी ऑथराइज्ड व्यक्ति को LRS के तहत सभी उद्देश्यों के लिए IFSCs को रेमिटेंस सेवाएं दी जा सकती हैं. इसके लिए निवासी व्यक्ति IFSC में विदेशी मुद्रा खाता (FCA) खोल सकते हैं.

इसके साथ, निवासियों को अब GIFT IFSC में स्थित बैंक में अमेरिकी डॉलर में फिक्स्ड डिपॉजिट खोलने का मौका मिलेगा. ये विकल्प ऊंची नेटवर्थ वाले इंडिविजुअल्स को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपनी संपत्ति को इंफ्लेशन और डेप्रिसिएशन से बचाने में मदद करेगा.

RBI ने कहा कि हमने अब निवासी व्यक्तियों को फाइनेंशियल सर्विसेज या फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स के साथ-साथ करेंट या कैपिटल अकाउंट लेनदेन के लिए विदेशी मुद्रा खाते खोलने की इजाजत देने का फैसला किया है.