इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) ने अपने ऑडिटर PwC (प्राइस वॉटरहाउस कूपर्स) को जरूरी जानकारी देने में देर की, जिसकी वजह से बैंक के ऑडिट में देरी हुई है. मामले से जुड़े कुछ सूत्रों ने NDTV Profit को ये जानकारी दी है.
सूत्रों का कहना है कि बैंक के वित्तीय दस्तावेजों में भी कुछ गड़बड़ी हो सकती है और ये देश के ऑडिटिंग नियमों के मुताबिक सही नहीं हैं. 10 मार्च को बैंक ने डेरिवेटिव्स अकाउंटिंग में गड़बड़ी की बात मानी थी, जिससे बैंक की नेट वर्थ पर 2.35% का असर पड़ा. इसके बाद से बैंक के शेयरों में करीब 28% की गिरावट आई है.
ICAI भी करेगा जांच!
भारत के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाला संस्थान ICAI (Institute of Chartered Accountants of India) भी अब इस मामले में जांच कर सकता है. ICAI, इंडसइंड बैंक के ऑडिट में लगे दो ऑडिटर्स- MP Chitale & Co. और MSKA & Associates के काम की समीक्षा करेगा. अगर जांच में कोई बड़ी गड़बड़ी मिलती है तो इन ऑडिटर्स पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है.
ICAI, PwC India की रिपोर्ट की भी समीक्षा करेगा. PwC को बैंक की ट्रेजरी बुक में गड़बड़ियों की जांच का काम सौंपा गया है. बैंक ने PwC को बाहरी ऑडिट के लिए नियुक्त किया है और उम्मीद है कि PwC तीन हफ्तों में अपनी रिपोर्ट देगा.
इकोनॉमिक टाइम्स ने भी रिपोर्ट की है कि ICAI ने खुद से संज्ञान लेते हुए इंडसइंड बैंक के अकाउंट्स की समीक्षा करने का फैसला किया है.
इंडसइंड बैंक, PwC India और ICAI की ओर से NDTV Profit के सवालों पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. MSKA & Associates से भी संपर्क नहीं हो सका है.