बैंकों के लिए फंड का सबसे सस्ता स्रोत, करेंट अकाउंट और सेविंग अकाउंट्स होते हैं, लेकिन इस मामले में प्राइवेट बैंकों की स्थिति ठीक नहीं है. बैंकों द्वारा दाखिल तिमाही फाइनेंशियल अपडेट में ये स्थिति सामने आई है.
उदाहरण के लिए, HDFC बैंक का वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के अंत में टोटल डिपॉजिट के मुकाबले CASA (Current Account and Savings Account) डिपॉजिट का अनुपात एक साल पहले के 45.8% से घटकर 42.5% हो गया.
HDFC बैंक का CASA बेस पहली तिमाही में 8.1 लाख करोड़ रुपये था, जो एक साल पहले के 7.3 लाख करोड़ रुपये से 10.7% की बढ़ोतरी दिखाता है. बैंक के लिए टोटल डिपॉजिट साल-दर-साल 19.2% बढ़कर 19.13 लाख करोड़ रुपये हो गया.
इसी तरह, इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank), यस बैंक(Yes Bank), RBL बैंक, फेडरल बैंक (Federal Bank) और बंधन बैंक जैसे अन्य बैंकों ने FY24 की पहली तिमाही में CASA रेश्यो में गिरावट दर्ज की है.
(FY24 के Q1 लिए अब तक बताए गए आंकड़े अस्थायी हैं.)
CASA रेश्यो में सबसे तेज गिरावट बंधन बैंक और फेडरल बैंक जैसे छोटे निजी बैंकों द्वारा दर्ज की गई है. फेडरल बैंक का CASA रेश्यो FY24-Q1 में 5% घटकर 31.8% हो गया है, जो FY23-Q1 में 36.8% था. बंधन बैंक का CASA अनुपात एक साल पहले के 43.2% से गिरकर 36% हो गया.
ज्यादातर प्राइवेट बैंकों द्वारा दायर किए गए तिमाही अपडेट से ये भी संकेत मिलता है कि ऊंची ब्याज दरों और बढ़ते बेस के बावजूद क्रेडिट ग्रोथ में तेजी बनी हुई है.
HDFC बैंक का कुल एडवांस FY24-Q1 में साल-दर-साल 15.8% बढ़ा. ये FY23-Q1 में 13.9 लाख करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर FY24-Q1 में 16.1 लाख करोड़ रुपये हो गया.
HDFC लिमिटेड का HDFC बैंक के साथ विलय, 1 जुलाई से प्रभावी होने के साथ, संयुक्त इकाई (HDFC बैंक) के आंकड़े ये भी दर्शाते हैं कि FY23 की पहली तिमाही में इसका एडवांस 13.1% बढ़कर, 19.8 लाख करोड़ रुपये से FY24 की पहली तिमाही में 22.4 लाख करोड़ रुपये हो गया.
अन्य प्राइवेट बैंकों ने भी FY24-Q1 में मजबूत क्रेडिट ग्रोथ दर्ज की है. इंडसइंड बैंक का नेट एडवांस 21% की सालाना वृद्धि के साथ 3 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जबकि कुल डिपॉजिट में 15% की साल-दर-साल बढ़ोतरी होकर ये 3.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
इंडसइंड बैंक को छोड़कर, प्राइवेट बैंकों में भी डेपॉजिट्स मैच अप ग्रोथ, साल-दर-साल डेपॉजिट बढ़ोतरी के बराबर या उससे अधिक देखी गई. भारत के बड़े निजी बैंकों में, कोटक महिंद्रा बैंक, ICICI बैंक और AXIS बैंक ने अभी तक अपने तिमाही अपडेट दाखिल नहीं किए हैं.