आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के 90 साल पूरे हुए हैं. 1 अप्रैल, 1935 को RBI की स्थापना हुई है. इस मौके पर मुंबई में एक आयोजन किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की, उन्होंने रिजर्व बैंक के कामों की सराहना की और साथ ही अगले दशक के रोडमैप का खाका भी खींच दिया.
PM मोदी ने की RBI की सराहना
PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा 'RBI को दुनिया भर में अपने प्रोफेशनलिज्म और कमिटमेंट के लिए जाना जाता है. रिजर्व बैंक की आज की नीतियां अगले दशक के लिए दिशा तय होगी. ये दशक इस संस्थान को उसके शताब्दी वर्ष तक ले जाने वाला दशक है. ये दशक विकसित भारत की संकल्प यात्रा के लिए भी उतना ही अहम है'.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक मॉनिटरी और फिस्कल पॉलिसी के आपसी तालमेल पर निर्भर करती है. मुझे याद है साल 2014 में हालात एकदम अलग थे, भारत का पूरा बैंकिंग सेक्टर समस्याओं और चुनौतियों से जूझ रहा था. भारत के बैंकिंग सिस्टम को लेकर हर कोई आशंकाओं से भरा हुआ था. हालत इतनी खराब थी, कि पब्लिक सेक्टर बैंक्स देश की आर्थिक प्रगति को जरूरी गति नहीं दे पा रहे थे.
नीयत सही तो नतीजे सही: PM मोदी
आज भारत के बैंकिंग सिस्टम को दुनिया में मजबूत और सस्टेनेबल सिस्टम माना जा रहा है. जो बैंकिंग सिस्टम उस समय डूबने की कगार पर था, आज मुनाफे में है और क्रेडिट में रिकॉर्ड ग्रोथ दिखा रहा है. PM मोदी ने कहा कि 10 साल में इतना बड़ा बदलाव लाना आसान नहीं था. क्योंकि हमारी नीति, नीयत और निर्णय में स्पष्टता थी. जब नीयत सही होती है तो नीति सही होती है, जब नीति सही होती है तो निर्णय सही होते हैं, और जब निर्णय सही होते हैं, तो नतीजे सही मिलते हैं. कैसे देश का बैंकिंग सिस्टम ट्रांसफॉर्म हुआ, ये अपने आप में एक शोध का विषय है.
बैंकों का NPA घटा, क्रेडिट ग्रोथ बढ़ा: PM मोदी
हमारी सरकार ने सरकारी बैंकों की हालत सुधारने के लिए करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डाली. साथ ही गवर्नेंस को लेकर कई रिफॉर्म किए, अकेले IBC से ही करीब सवा तीन लाख करोड़ रुपये के लोन रिजॉल्व हुए. 27 हजार से ज्यादा ऐसी एप्लीकेशन, जिसमें 9 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का अंडरलाइन डिफॉल्ट था, वो IBC में जाने से पहले ही रिजॉल्व हो गई. बैंकों का ग्रॉस NPA 2018 में 11.25% था, सितंबर, 2023 आते-आते 3% से भी कम हो गया. आज बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ 15% तक पहुंच गई है. इन सभी उपलब्धियों में RBI की भागीदारी और बड़ी भूमिका रही है.
ये तो अभी ट्रेलर है, अभी बहुत आगे जाना है: PM मोदी
बीते 10 साल में हमने सेंट्रल बैंक, बैंकिंग सिस्टम और अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के बीच इस कनेक्ट पर ध्यान दिया है. आज देश में 52 करोड़ जन-धन खाते हैं, इसमें भी 55% से ज्यादा खाते महिलाओं के नाम पर हैं. इसी फाइनेंशियल इन्क्लूजन का असर कृषि और फिशरीज जैसे सेक्टर्स पर दिख रहा है. किसान क्रेडिट कार्ड से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है. PM मोदी ने कहा कि पिछले 10 साल में जो हुआ, वो तो सिर्फ ट्रेलर है, अभी तो हमें देश को बहुत आगे लेकर जाना है.
ईज ऑफ डूइंग बैंकिंग बेहतर हो: PM मोदी
PM मोदी ने कहा कि अगले 10 साल में डिजिटल ट्रांजैक्शन की संभावनाओं को विस्तार देना होगा. हमें कैशलेस इकोनॉमी से आ रहे इन बदलावों पर नजर भी रखनी होगी. इतनी बड़ी जनसंख्या की बैंकिंग जरूरतें भी अलग अलग हो सकती हैं. कई लोगों को फिजिकल मॉडल तो कई लोगों को डिजिटल डिलिवरी पसंद होती है, हमें ऐसी नीतियां बनानी होंगी जिससे ईज ऑफ डूइंग बैंकिंग बेहतर हो और सभी को उनकी जरूरत के हिसाब से क्रेडिट एक्सेस मिल सके.