भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शहरी सहकारी बैंकों (Urban Commercial Banks) में बुलेट री-पेमेंट स्कीम के तहत गोल्ड लोन की सीमा बढ़ा दी है.
केंद्रीय बैंक RBI ने मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में इसे 2 लाख से बढ़ाकर 4 लाख करने का फैसला लिया है.
4-6 अक्टूबर तक चली मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की मीटिंग के बाद RBI ने ब्याज दरें स्थिर रखने समेत कई ऐलान किए. MPC की मीटिंग में ही UCBs के लिए गोल्ड लोन की सीमा बढ़ाने का भी फैसला लिया गया है.
ग्राहकों को बड़ा फायदा
शहरी को-ऑपरेटिव बैंक अपने ग्राहकों को पहले बुलेट री-पेमेंट स्कीम के तहत अब तक 2 लाख रुपये तक का गोल्ड लोन दे रहे थे. वहीं RBI के फैसले के बाद अब वे अपने ग्राहकों को 4 लाख रुपये तक का लोन दे सकेंगे. शहरी को-ऑपरेटिव बैंकों के ग्राहकों के लिए ये अच्छी खबर है कि सोने के आभूषणों के बदले 4 लाख रुपये तक का लोन उठा सकेंगे.
सस्ता, किफायती और सुरक्षित होता है गोल्ड लोन
दरअसल भारतीय परिवारों के बीच सोने-चांदी के आभूषण खरीदने की परंपरा रही है. गहने न केवल महिलाओं की शोभा बढ़ाते हैं, बल्कि मुश्किल वक्त में काम भी आते हैं. सोने के बदले कर्ज लेना आसान और कॉस्ट इफेक्टिव होता है.
पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड पर लोन की तुलना में देखें तो सुरक्षित होने के चलते गोल्ड लोन पर ब्याज दरें कम होती हैं. कई बैंक आधे घंटे के भीतर गोल्ड लोन देने का दावा करते हैं. सरकारी और बड़े प्राइवेट बैंकों की तरह कई को-ऑपरेटिव बैंकों में भी गोल्ड लोन फैसिलिटी एवलेबल होती है.
क्या होती है बुलेट री-पेमेंट स्कीम?
अगर आपने गोल्ड लोन लिया है तो आप उसे कुछ विकल्प के साथ चुका सकते हैं. गोल्ड लोन में ग्राहकों को पेमेंट के कई विकल्प मिलते हैं. जैसे- नियमित EMI, मासिक भुगतान, आंशिक भुगतान. बुलेट री-पेमेंट भी ऐसा ही एक विकल्प है.
बुलेट री-पेमेंट में बैंक मासिक आधार पर ब्याज लेते हैं. ये 6 महीने से एक वर्ष के छोटे कार्यकाल के लिए उपयुक्त माना जाता है. मासिक आधार पर ब्याज दीजिए और अवधि पूरे होने पर लोन चुका दीजिए. इस तरह के गोल्ड लोन में आपको EMI की जरूरत नहीं होती है.