देश की सबसे बड़ी एडटेक कंपनियों में से एक बायजूज (BYJU's) 1.2 बिलियन डॉलर यानी करीब 9,800 करोड़ रुपये के कर्ज को लेकर भारी संकट का सामना कर रही है. पिछले दिनों क्रेडिटर्स ने कंपनी के साथ कर्ज को लेकर फिर से बातचीत शुरू करने से हाथ खींच लिया था, जिसके बाद मामला अदालत तक भी पहुंचा था.
अब खबर है कि Byju's 40 मिलियन डॉलर का तिमाही ब्याज भुगतान करने की योजना बना रही है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर ये जानकारी दी है.
पेमेंट की उम्मीद
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, एडटेक फर्म को 5 जून की डेडलाइन पूरी करने के लिए सोमवार को पेमेंट की उम्मीद है. हालांकि स्थिति अभी ऐसी है कि योजनाएं बदल भी सकती हैं. डेडलाइन पर पेमेंट फेल होने का मतलब है कि $1.2 बिलियन का कर्ज डिफॉल्ट हो जाएगा.
पेमेंट को लेकर टिप्प्णी के अनुरोध पर बायजू ने कोई जवाब नहीं दिया है, वहीं क्रेडिटर्स Houlihan Lokey के प्रतिनिधि ने भी इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.
सबसे बड़ा अनरेटेड लोन
1.2 बिलियन डॉलर का कर्ज किसी भी स्टार्टअप द्वारा लिया गया अब तक का सबसे बड़ा अनरेटेड लोन है. बायजू रवींद्रन के नेतृत्व में कभी तेज उड़ान भरने वाली कंपनी पिछले कुछ समय से 'लोन रीस्ट्रक्चरिंग' को लेकर क्रेडिटर्स से डील की कोशिश में लगी थी. कोविड के दौर में ऑनलाइन एजुकेशन सेक्टर में उभरने के बाद एडटेक बायजू को बड़ा वित्तीय झटका लगा है.
क्रेडिटर्स संग बातचीत पर ब्रेक
कर्ज की इतनी बड़ी रकम की 'रीस्ट्रक्चरिंग' को लेकर लंबे समय से चल रही बातचीत पर क्रेडिटर्स ने पिछले हफ्ते ब्रेक लगा दिया और तुरंत ही भुगतान की मांग की है. हालांकि जानकारों के अनुसार, कर्जदाताओं के समूह (Lender Consortium) ने एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जो उन्हें बातचीत में एक साथ काम करने के लिए बाध्य करता है.
...तो मिल सकता है अवसर!
Byju's अगर 5 जून की डेडलाइन पर तय भुगतान करने में सफल होता है तो कंपनी को एक 'बड़े पूंजी प्रवाह' (Large Capital Infusion) के लिए पर्याप्त अवसर मिल जाएगा. Byju's के वकील ने कहा कि इसका इस्तेमाल कंपनी कर्ज भुगतान के लिए कर पाएगी.
फर्म के अनुसार, कंपनी सभी कर्ज भुगतानों पर कायम है और किसी भी चूक को कर्ज समझौते के उल्लंघनों के रूप में माना जाना चाहिए.
कंपनी के वकील ने पिछले महीने एक अमेरिकी अदालत में लोन के रूप में जुटाए गए फंड को छिपाने के आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि कंपनी को जल्द ही एक बड़ी पूंजी मिलेगी जिससे लोन का पेमेंट हो जायेगा.