टेस्ला और स्पेसएक्स के CEO एलन मस्क ने संभावना जताई है कि आने वाले कुछ वर्षों में रोबोट अच्छे मानव सर्जनों से बेहतर प्रदर्शन करने लगेंगे और करीब पांच वर्षों में दुनिया के सबसे बेहतरीन सर्जनों को भी पीछे छोड़ देंगे. सोमवार को एक X पोस्ट में उन्होंने ऐसा दावा किया.
मस्क ने अपनी पोस्ट में कहा कि उनकी न्यूरो-टेक कंपनी न्यूरालिंक ने हाल ही में एक रोबोट का इस्तेमाल कर ब्रेन-कंप्यूटर इलेक्ट्रोड लगाने का काम किया है. मस्क ने बताया कि इस प्रक्रिया में इतनी ज्यादा गति और सटीकता चाहिए थी कि किसी इंसान के लिए इसे कर पाना असंभव था.
रोबोटिक्स का बढ़ता प्रभाव
एलन मस्क का ये बयान एक अन्य पोस्ट के जवाब में आया था, जिसमें चिकित्सा क्षेत्र में रोबोटिक्स के बढ़ते उपयोग पर रोशनी डाली गई थी. ये पोस्ट सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर मारियो नवफाल ने साझा की थी.
पोस्ट में बताया गया था कि अमेरिकी-आयरिश मेडिकल डिवाइस कंपनी मेडट्रॉनिक ने अपनी ह्यूगो रोबोटिक सिस्टम की मदद से बड़े स्तर पर सर्जरी की और 98% से ज्यादा सफलता दर हासिल की.
कंपनी के अनुसार, उनकी स्टडी में 137 मरीज शामिल थे, जिनकी यूरोलॉजिकल सर्जरी ह्यूगो रोबोट की सहायता से की गई. नतीजे सुरक्षा और प्रभावशीलता के मानकों पर खरे उतरे हैं.
सर्जन के गाइडेंस में रोबोट करते हैं ऑपरेशन
मेडट्रॉनिक के शेयर किए गए एक यूट्यूब वीडियो में दिखाया गया कि सर्जन, ऑपरेशन के दौरान रोबोट को नियंत्रित करते हैं. यानी, रोबोट खुद से ऑपरेशन नहीं कर रहे, बल्कि डॉक्टर के निर्देशों पर काम कर रहे हैं.
मस्क की पोस्ट से ये पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया कि वे ऐसे रोबोट्स की बात कर रहे थे जो पूरी तरह से खुद सर्जरी कर सकें या जो डॉक्टरों की मदद करें.
न्यूरालिंक कर रहा अहम ट्रायल
एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक फिलहाल अपने ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस तकनीक का क्लीनिकल ट्रायल कर रही है. इसका मकसद लकवा या न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए ऐसे डिवाइस बनाना है, जिन्हें वे अपने दिमाग से नियंत्रित कर सकें.
अब तक तीन लोगों को न्यूरालिंक ब्रेन इम्प्लांट लगाए जा चुके हैं. इनमें से तीसरे मरीज ब्रैड स्मिथ ने हाल ही में एक वीडियो साझा किया है. इस वीडियो में वो दिखाते हैं कि कैसे वह न्यूरालिंक डिवाइस के जरिए अपने मैकबुक को नियंत्रित कर पा रहे हैं और लकवे के बावजूद फिर से बोलने लगे हैं.