नंदन नीलेकणि समर्थित EkStep फाउंडेशन ने 7 मई को 'ओपन क्लाउड कंप्यूट (OCC)' प्लेटफॉर्म को लॉन्च कर दिया है. ये लॉन्चिंग People+AI के साथ पार्टनरशिप में की गई है.
इस प्रोजेक्ट के जरिए चंद बड़े डेटा सेंटर्स पर निर्भरता खत्म होगी. OCC प्रोजेक्ट सभी छोटी-बड़ी कंपनियों के लिए प्रोवाइडर्स नेटवर्क में विस्तार करेगा.
कंप्यूट पावर की चाहत और इसे उपलब्ध कराने वालों को जोड़ेगा प्लेटफॉर्म
इस प्लेटफॉर्म में कंप्यूट पावर की तलाश वाली कंपनियां, उन छोटे-बड़े लोगों/कंपनियों से जुड़ेंगे जो कंप्यूट पावर उपलब्ध करा रहे हों, चाहे ये किसी भी मात्रा में हो.
इससे डेटा सॉवरीनिटी से जुड़ी चिंताएं भी खत्म होंगी, क्योंकि पूरा डेटा देश की सीमा में ही स्टोर होगा और विदेशी कंपनियों के हाथों से दूर रहेगा.
तीन गुना तक बढ़ेगी कंप्यूट डिमांड
People+ai में स्ट्रेटेजी डायरेक्टर तन्वी लाल कहती हैं, 'अगले कुछ सालों में डिजिटलाइजेशन के चलते कंप्यूट डिमांड तेजी से बढ़ेगी. ग्लोबल कंप्यूट मार्केट के आने वाले सालों में तीन गुना होने का अनुमान है.'
वे आगे कहती हैं, 'इसलिए डिमांड-सप्लाई के बीच बढ़ते इस गैप को भरने का एक ही जरिया डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का रास्ता अपनाना ही है, ताकि बड़े पैमाने पर कंप्यूट तक एक्सेस उपलब्ध करवाया जा सके.'
'माइक्रो ही मेगा...'
EkStep Foundation के CTO डॉक्टर प्रमोद वर्मा कहते हैं, 'इससे माइक्रो कंप्यूटर प्रोवाइडर्स, जो सैंकड़ों की तादाद में हो सकते हैं, वे आपस में जुड़ेंगे और एक मेगा कंप्यूट नेटवर्क बनाएंगे. जैसा नंदन ने एक बार कहा था, अब माइक्रो ही मेगा है.'
नीलेकणि ने OCC के निर्माण के लिए 24 संगठनों, टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर्स और मैन्युफैक्चरिंग फर्म्स के साथ मीटिंग की. इनमें से केवल चार; ओरेकल, AMD, Dell और IBM ही अमेरिकन हैं.
बाकी Von Neumann AI, विज्ञान लैब्स, प्रोटियन क्लाउड, डिक्सन टेक्नोलॉजी, टाटा कम्युनिकेशन और ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल नेटवर्क जैसे भारतीय प्लेयर्स हैं.