लियांग वेनफेंग (Liang Wenfeng). अगले कुछ दिनों तक, कई दिनों तक या महीनोंं तक ये नाम चर्चा में बना रह सकता है. लियांग, इंफॉर्मेशन और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट एक युवा हैं, जो कि एक क्वांट फंड के प्रमुख हैं. इन्होंने दक्षिण-पूर्वी चीन के एक शहर हांग्जो (Hangzhou) में एक कंपनी की स्थापना की, जिसने डीपसीक (DeepSeek) नाम का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ऐप बनाकर दुनियाभर में तहलका मचा दिया है.
तहलका ऐसा कि इसने ग्लोबल मार्केट को हिलाकर रख दिया है. इसकी लागत (महज $9 मिलियन) को लेकर आई एक खबर ने अमेरिकी टेक शेयरों में कोहराम मचा दिया.
क्या है ये डीपसीक AI?
डीपसीक, एक ऐसा AI मॉडल, एक ऐसा AI ऐप, जिसने सारे मौजूदा एडवांस्ड AI मॉडल को पछाड़ डाला है. इसकी शुरुआत वैसे तो 2 साल पहले 2023 में ही हुई, लेकिन अब इसके लेटेस्ट मॉडल ने टॉप रेटिंग हासिल कर ली है.
अमेरिका, ब्रिटेन और चीन में एप्पल के ऐप स्टोर पर ये OpenAI के ChatGPT और Meta समेत अन्य प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ते हुए टॉप-रेटेड ओपन सोर्स यानी फ्री AI ऐप बन गया है.
इस पर आप वो सारे काम कर सकते हैं, जो कि ChatGPT या अन्य AI मॉडल पर करते रहे हैं. आपको बस कमांड देना है और किसी 'जिन्न' की तरह डीपसीक आपके सामने रिजल्ट हाजिर कर देगा.
चीन में बना ये AI मॉडल इसलिए भी चर्चा में है, क्योंकि इसने दुनिया की अन्य शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं (World's Top Economies) को हिलाकर रख दिया है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, चाइनीज AI स्टार्टअप डीपसीक की लोकप्रियता में उछाल ने अमेरिका में स्थित AI संबंधित कंपनियों के शेयरों में बिकवाली को बढ़ावा दिया है. सोमवार को Nvidia, Microsoft और Meta में गिरावट देखी गई. इस बीच, टेक-हैवी नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स में भी गिरावट दर्ज की गई.
दूसरी ओर डच चिप इक्विपमेंट मेकर ASML के शेयर में भी 10% से अधिक की गिरावट देखी गई, जबकि AI से संबंधित हार्डवेयर बनाने वाली सीमेंस एनर्जी के शेयरों में 21% की गिरावट आई.
कैसे काम करता है चीन का डीपसीक?
इस महीने की शुरुआत में DeepSeek-R1 लॉन्च होने के बाद, कंपनी ने ChatGPT के लेटेस्ट मॉडल्स में से एक के बराबर परफॉर्म करने का दावा किया. इसका इस्तेमाल मैथ, कोडिंग और नैचुरल लैंग्वेज रीजनिंग जैसे काम में किया जाता है.
एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए टेक एक्सपर्ट प्रो बशीर बताते हैं कि प्रतिबंधात्मक चुनौतियों के बीच चीनी AI डेवलपर्स ने अपने काम को एक-दूसरे के साथ शेयर किया है और तकनीक के नए तरीकों के साथ प्रयोग किया है. इस तरह ऐसे AI मॉडल तैयार हुए हैं, जिन्हें पहले की तुलना में बहुत कम कंप्यूटिंग पावर की जरूरत पड़ती है.'
इसका मतलब हुआ कि नए AI मॉडल, पहले की तुलना में बहुत कम लागत वाले हैं और डीपसीक भी उन्हीं में से एक है.
ये ओपन-सोर्स डीपसीक-V3 मॉडल बेस्ड ऑपरेट होता है. ChatGPT और मेटा जैसे AI मॉडल को डेवलप करने में कई बिलियन डॉलर खर्च हुए थे, उनके विपरीत डीपसीक के रिसर्चर्स और डेवलपर्स का दावा है कि इसे 6 मिलियन डॉलर से भी कम में डेवलप किया गया है. हालांकि AI सेक्टर के कुछ एक्सपर्ट इस दावे पर आपत्ति जताते हैं.
अपने अमेरिकी प्रतिद्वंद्वियों के विपरीत, डीपसीक 'ओपन-सोर्स तकनीक और लोअर-एंड चिप्स' पर निर्भर करता है. यानी अमेरिकी एक्सपोर्ट कंट्रोल्ड हाई-एंड हार्डवेयर की जरूरत नहीं पड़ती.
अमेरिका के प्रभुत्व को चुनौती
क्वांट फंड के प्रमुख लियांग वेनफेंग के डीपसीक ने पिछले हफ्ते ही अपना लेटेस्ट AI मॉडल (DeepSeek-R1) जारी किया और अब इसे OpenAI और मेटा के कंपटीटर के तौर पर देखा जा रहा है. इस AI ऐप ने लॉन्च के बाद से ही लोकप्रियता में उछाल देखा है, जिसने इस प्रचलित धारणा को चुनौती दी है कि AI के मामले में अमेरिका अजेय खिलाड़ी है.
NDTV Profit हिंदी से बातचीत के दौरान IT और रेगुलेटर एक्सपर्ट प्रभात सिन्हा कहते हैं, 'इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि AI में प्रभुत्व, दुनिया में किसी देश की ताकत को अभूतपूर्व रूप से बढ़ा सकता है. ऐसे में चीन, अगर ये फ्री ऐप आगे बढ़ता है तो अमेरिका के लिए चीन की ओर से ये नई चुनौती होगी.'
आगे उन्होंने कहा, 'ये देखना अहम है कि डीपसीक का उदय ऐसे समय में हुआ है, जब अमेरिका, चीन को 'एडवांस चिप तकनीक की बिक्री' से प्रतिबंधित कर रहा है, जो कि AI को ताकत देती है.'
डॉनल्ड ट्रंप के सलाहकार और सिलिकॉन वैली के वेंचर कैपिटलिस्ट मार्क एंड्रीसेन ने DeepSeek-R1 को 'AI का स्पुतनिक क्षण' बताया. जैसे कि सोवियत संघ ने वर्ष 1957 में स्पुतनिक सैटेलाइट लॉन्च कर अमेरिका को अचंभित कर दिया था.