डाकघर में बिक रहा बोतलबंद गंगाजल हुआ हिट, 2 दिन में बिकीं सारी बोतलें

ऋषिकेश से आने वाले बोतलबंद ‘गंगाजल’ की बिक्री भारतीय डाक (इंडिया पोस्ट) की ओर से पश्चिम बंगाल स्थित 47 मुख्य डाकघरों से शुरू किए जाने के दो दिन के भीतर ही शेल्फ पर रखी सारी बोतलें बिक चुकी हैं।

ऋषिकेश से आने वाले बोतलबंद ‘गंगाजल’ की बिक्री भारतीय डाक (इंडिया पोस्ट) की ओर से पश्चिम बंगाल स्थित 47 मुख्य डाकघरों से शुरू किए जाने के दो दिन के भीतर ही शेल्फ पर रखी सारी बोतलें बिक चुकी हैं।

पश्चिम बंगाल सर्किल में मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल अरुंधति घोष ने बताया, हमने ऋषिकेश से आने वाले बोतलबंद गंगाजल की हैरान कर देने वाली मांग देखी है। हमने इसे रविवार से बेचना शुरू किया था और मंगलवार तक इसका सारा स्टॉक बिक गया था। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद और मनोज सिन्हा ने रविवार को नई योजना शुरू की थी, जिसने देशभर के सभी डाकघरों में गंगा के पानी की आसान उपलब्धता हो गई।

इसके तहत गंगाजल की दो किस्में उपलब्ध थीं- एक बोतल में गंगोत्री से गंगाजल भरा गया और दूसरी में ऋषिकेश से।

ऋषिकेश में 200 मिलीलीटर और 500 मिलीलीटर की बोतलों में भरा गया गंगाजल शहर के महा डाकघर :जीपीओ: और 46 अन्य मुख्य डाकघरों से बेचा गया। इनमें हावड़ा, मिदनापुर, तामलुक और सिलीगुड़ी के मुख्य डाकघर शामिल हैं।

घोष ने कहा, मांग बहुत ज्यादा है और हम इसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि पहली खेप के लिए आपूर्ति काफी कम थी। सिलीगुड़ी में ऋषिकेश के ‘गंगाजल’ की 15 बोतलें पहले दिन में बिक गई थीं। 200 मिलीलीटर की पांच बोतलें चंद मिनटों में बिक गई थीं।

सीपीएमजी ने कहा, अब तक हमने रिषीकेश में भरी गई बोतलें बेची हैं। गंगोत्री की बोतलें मिलनी अभी बाकी हैं। लेकिन प्रतिक्रिया बहुत उत्साहजनक है।’’ घोष ने गंगाजल की ‘पूरी बिक चुकी’ बोतलों के पीछे की वजहों में से एक वजह रिषीकेश से गंगा के पवित्र जल से जुड़ी भावनाओं को बताया।

घोष ने कहा कि ऋषिकेश से भरी गई 200 मिलीलीटर की गंगाजल की बोतल की कीमत 15 रुपये है जबकि 500 मिलीलीटर की बोतल की कीमत 22 रुपये है। सीपीएमजी ने कहा, गंगोत्री का जल थोड़ा महंगा होगा। गंगाजल की 200 मिलीलीटर की बोतल 25 रुपये की और 500 मिलीलीटर की बोतल 35 रुपये की है। उन्होंने कहा कि मांग की पूर्ति के लिए बोतल की त्वरित आपूर्ति के ऑर्डर दे दिए गए हैं।

घोष ने कहा, हमने तत्काल आपूर्ति के लिए नए ऑर्डर दिए हैं। लेकिन उत्तराखंड में सड़कें खराब होने की वजह से इन्हें पश्चिम बंगाल पहुंचने में कुछ समय लग सकता है। उन्होंने बताया कि एक छोटी खेप जल्दी ही पहुंच जाएगी।

अधिकारी ने कहा, अभी तक हम एक छोटी खेप हासिल कर सके हैं, क्योंकि देश के बाकी हिस्सों से मांग काफी ज्यादा है। लेकिन हम और अधिक बोतलें प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। ऑनलाइन बिक्री के बारे में सीपीएमजी ने कहा, लोग अपना ऑर्डर सीधे ऑनलाइन दे सकते हैं और घर बैठे ही सुंदर डिब्बों में पैक बोतलें पा सकते हैं। डाक विभाग के एक अन्य अधिकारी ने कहा, यहां, पश्चिम बंगाल में ऑनलाइन शुल्क दूरी के अनुरूप अलग-अलग हो सकते हैं। कीमत का अंतर हो सकता है। घोष के अनुसार, निश्चित तौर पर इससे डाक विभाग का कारोबार बढ़ेगा।

यह पहल नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से की गई है ताकि गंगा का पवित्र जल व्यापक स्तर पर फैले डाक नेटवर्क की मदद से दूर दराज के क्षेत्रों में रहने वाले हर भारतीय के घर पर पहुंचाया जा सके।

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

लेखक Bhasha
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