देश के शीर्ष ऑडिटर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को वित्त वर्ष 2014-15 में दिल्ली सरकार के विभागों में 160 करोड़ रुपये की अनियमितताएं मिली हैं। ये अनियमितताएं राजस्व नुकसान तथा करों के कम आकलन के रूप में हैं।
कैग की दिल्ली सरकार पर मार्च, 2015 में समाप्त साल की रिपोर्ट में कहा गया है, 'व्यापार एवं कर विभाग, राज्य उत्पाद शुल्क, परिवहन एवं राजस्व विभाग में कुल 74 यूनिटों के रिकॉर्ड की जांच से यह तथ्य सामने आया है कि 506 मामलों में करों के कम आकलन तथा राजस्व के रूप में कुल 159.57 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।'
कैग ने कहा कि वर्ष के दौरान संबंधित विभागों ने 1.45 करोड़ रुपये के कम आकलन तथा खामियों की बात स्वीकार की और 4.68 लाख रुपये की राशि वसूल की, जिसका उल्लेख 2014-15 के आडिट में है।
दिल्ली विधानसभा में सोमवार को पेश रिपोर्ट में राजस्व एवं सामाजिक तथा आर्थिक क्षेत्रों (पीएसयू) तथा सामाजिक, सामान्य एवं आर्थिक क्षेत्रों (गैर पीएसयू) की गतिविधियों को शामिल किया गया है। कैग की समीक्षा की अवधि के दौरान मौजूदा अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप सरकार सीमित समय के लिए राज्य में सत्ता में थी। वित्त वर्ष 2014-15 में दिल्ली सरकार की कुल राजस्व प्राप्तियां 29,584.59 करोड़ रुपये रहीं, जो 2013-14 में 27,980.69 करोड़ रुपये थी।
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