केयर्न एनर्जी भारत के खिलाफ सभी केस वापस लेगी, 1 अरब डॉलर का प्रस्ताव मंजूर : सीईओ

भारत ने मल्टीनेशनल कंपनियों मसलन वोडाफोन, फार्मा कंपनी सनोफी, केयर्न और साबमिलर आदि के खिलाफ 1.1 लाख करोड़ रुपये की कर देनदारी के दावे को छोड़ने का फैसला किया था. अगर ये सभी कंपनियां भारत के खिलाफ मामलों को वापस लेने पर सहमत हो जाती हैं, तो उन्हें 8,100 करोड़ रुपये वापस कर दिए जाएंगे.

Cairn Energy ने एक अरब डॉलर की पेशकश स्वीकार की

ब्रिटिश कंपनी केयर्न एनर्जी ने फ्रांस से लेकर अमेरिका तक भारतीय संपत्तियों को जब्त करने से जुड़े मामले वापस लेने को तैयार हो गई है. केंद्र सरकार ने पिछली तारीख से कर कानून (रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स) को खत्म करने के ऐलान के बाद कंपनी ने यह कदम उठाया है. भारत ने केयर्न की एक अरब डॉलर की राशि वापस करने की पेशकश मान ली है. केयर्न ने कहा है कि वह एक अरब डॉलर का रिफंड मिलने के 1-2 दिन में ही इन मामलों को वापस लेने की कार्यवाही प्रारंभ कर देगी.

केयर्न (Cairn Energy) ने रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स (Retrospective tax) की नीति को रद्द करने के मोदी सरकार के फैसले को साहसिक बताया. पिछले महीने एक कानून के जरिये पिछली तारीख से कर लेने की इस नीति को रद्द कर दिया गया था. इस कानून के तहत आयकर विभाग को 50 साल तक पुराने ऐसे मामलों में पूंजीगत लाभ कर (Capital Gain Tax ) लगाने का अधिकार दिया गया था. अगर किसी कंपनी के मालिकाना हक में बदलाव तो विदेश में हुआ है, लेकिन कारोबारी परिसंपत्तियां भारत में ही हैं, तो उस पर यह कानून लागू होता था. केयर्न ने भारत में जमीनी क्षेत्र में सबसे बड़ी तेल खोज की उपलब्धि हासिल की थी.

केयर्न के सीईओ साइमन थॉमसन ने कहा कि सभी मामलों को वापस लेने और पिछली तारीख से कर मांग को लेकर जब्त धनराशि लौटाने का प्रस्ताव हमें स्वीकार है. केयर्न पेरिस में अपार्टमेंट और अमेरिका में एयर इंडिया के विमानों को जब्त करने के मामलों को रिफंड मिलने के कुछ ही दिन बाद ये मुकदमा वापस ले लेगी. केयर्न के शेयरहोल्डर भी इस पेशकश को स्वीकार करने और विवाद खत्म कर आगे बढ़ने के हक में हैं.

थॉमसन ने कहा कि शेयरधारक ब्लैकरॉक और फ्रैंकलिन टेंपलटन इस प्रस्ताव को स्वीकृति देने के पक्ष में हैं. हमारे रुख के पीछे शेयरधारकों का समर्थन है. विवाद के बारे में सोचने के बजाय हम आगे बढ़ने के पक्ष में हैं. ऐसी बातों पर टिकना ठीक नहीं हैं, जो सभी के लिए नकारात्मक हों. भारत की निवेश के अनुकूल स्थान की छवि को सुधारने के लिए सरकार ने पिछले महीने नया कानून लागू किया था.

इसमें मल्टीनेशनल कंपनियों मसलन वोडाफोन, फार्मा कंपनी सनोफी, केयर्न और साबमिलर आदि के खिलाफ 1.1 लाख करोड़ रुपये की कर देनदारी के दावे को छोड़ने का फैसला किया था. अगर ये सभी कंपनियां भारत के खिलाफ मामलों को वापस लेने पर सहमत हो जाती हैं, तो उन्हें 8,100 करोड़ रुपये वापस कर दिए जाएंगे. इनमें ब्याज और जुर्माना शामिल हैं. इनमें से 7,900 करोड़ रुपये अकेले केयर्न एनर्जी के बकाया हैं।

सीईओ ने कहा कि हम तेजी से इस मुद्दे को हल करना चाहते हैं. सब कुछ वापस लिया जाएगा. कोई विवाद नहीं रहेगा. केयर्न ने एक रिपोर्ट में कहा कि वह भारत सरकार से प्राप्त 7,900 करोड़ रुपये या 1.06 अरब डॉलर में से 70 करोड़ डॉलर शेयरधारकों को विशेष लाभांश या पुनर्खरीद के जरिये लौटाएगी.

एयरपोर्ट के पास की ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग DGCA के कदम से परेशान

लेखक NDTV Profit Desk
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