अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, यानी इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने अगले दो साल के लिए चीन के आर्थिक विकास के अपने पूर्वानुमान को घटा दिया है, और बताया है कि चीन में रियल एस्टेट क्षेत्र में मौजूद दिक्कतों के चलते हुआ कम निवेश इसके पीछे की प्रमुख वजह है.
दूसरी ओर, IMF का मानना है कि चीन का पड़ोसी देश भारत उसकी तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेगा, और वर्ष 2024 के लिए आउटलुक में बदलाव किए बिना इस साल के लिए भारत के आर्थिक विकास पूर्वानुमान को बढ़ाकर 6.3 फ़ीसदी कर दिया है.
IMF की मंगलवार को जारी द्विवार्षिक वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, चीन को लेकर IMF का अनुमान है कि इस साल चीन का आर्थिक विकास 5 फ़ीसदी और 2024 में 4.2 फ़ीसदी की दर से होगा, जो पहले के अनुमान की तुलना में क्रमशः 0.2 फ़ीसदी तथा 0.3 फ़ीसदी कम है.
IMF के चीफ़ इकोनॉमिस्ट पियरे-ओलिवियर गौरिन्चास ने समाचार एजेंसी AFP से कहा, "चीन में इस सेक्टर में वास्तव में भरोसा लौटाने के लिए सरकार की तरफ से बेहद शक्तिशाली और बेहद बड़ी कार्रवाई की ज़रूरत होगी, ताकि ट्रेंड से कम विकास के अनुमान को बदला जा सके..."
मिडिल ईस्ट और मध्य एशिया के लिए इस वर्ष के विकास परिदृश्य को आधा फ़ीसदी घटाकर 2.0 फ़ीसदी कर दिया गया है, जो दरअसल तेल-समृद्ध सऊदी अरब के विकास पूर्वानुमान में आई गिरावट के चलते घटा है.
इसके अलावा, सब-सहारा अफ़्रीका में आउटलुक कुछ बिगड़ गया है, और अनुमानित मंदी के बीच नाइजीरियाई अर्थव्यवस्था में विकास दर 3.3 फ़ीसदी रहने का अनुमान है, जो पिछले अनुमानों से 0.2 फ़ीसदी कम है.