चीनी अर्थव्यवस्था 2016 के अंत या अगले साल के प्रारंभ में निचले स्‍तर तक पहुंच जाएगी : रिपोर्ट

चीन की अर्थव्यवस्था घटते निवेश, अत्यधिक कर्ज और घटते निर्यात की चुनौतियों का सामना कर रही है और विशेषज्ञों ने अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव से निपटने के लिए नीतिगत उपाय सुझाए हैं।

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

चीन की अर्थव्यवस्था घटते निवेश, अत्यधिक कर्ज और घटते निर्यात की चुनौतियों का सामना कर रही है और विशेषज्ञों ने अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव से निपटने के लिए नीतिगत उपाय सुझाए हैं। देश की विकास दर प्रथम तिमाही में 6.7 फीसदी रही। यह 2009 के बाद से सबसे कम है। रेनमिन युनिवर्सिटी ऑफ चाइना के विशेषज्ञों ने अपनी रपट में अनुमान जाहिर किया है कि इस साल विकास दर 6.6 फीसदी रहेगी।

विश्वविद्यालय के एक अर्थशास्त्री लियू युआंचुन ने कहा कि इस साल के शुरू में हालांकि आर्थिक तेजी शुरू हुई, फिर भी अनिश्चित वैश्विक परिदृश्य और बढ़ते वित्तीय जोखिमों के कारण दबाव बना हुआ रहेगा। अवसंरचनागत सुधार से भी यह दबाव बढ़ेगा। रपट में कहा गया है कि 2016 के आखिर और 2017 के प्रारंभ में अर्थव्यवस्था निचला स्तर छू लेगी।

शिघुआ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र के एक प्रोफेसर ली डाकुई ने आशंका जताई है कि निवेश में दर्ज की जा रही वृद्धि बरकरार नहीं रहेगी और उपभोक्ता खर्च ने जोखिम दिखा दिया है। वेतन वृद्धि विकास दर से कम रही है और 2017 की दूसरी छमाही से पहले निर्यात निचले स्तर पर नहीं पहुंचेगा।

केंद्रीय नेतृत्व आर्थिक समस्याओं से निपटने के लिए आपूर्ति पक्ष, संरचनागत सुधार, जरूरत से अधिक क्षमता कम करने, भंडार घटाने और ऋण घटाने की नीति पर चल रहा है। बैंक ऑफ चाइना के मुख्य अर्थशास्त्री काओ यांझेंग ने कहा है कि इन सभी नीतियों पर यदि एक ही साथ चला जाए, तो अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली इन गतिविधियों से मिलने वाले झटकों को झेल नहीं पाएगी।

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

लेखक Ians/Xinhua
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