कोयला खानों की नीलामी फरवरी में, सरकार का बिजली दरों में वृद्धि नहीं होने देने का लक्ष्य

कोयला खानों की बहुप्रतीक्षित नीलामी 11 फरवरी को शुरू होगी। कंपनियों द्वारा आक्रामक तरीके से बोली लगाए जाने की संभावना है, लेकिन इससे बिजली दरों में वृद्धि की आशंका नहीं है, क्योंकि सरकार ने बोली को नियमित करने के लिए नियम बनाए हैं।

फाइल फोटो

कोयला खानों की बहुप्रतीक्षित नीलामी 11 फरवरी को शुरू होगी। कंपनियों द्वारा आक्रामक तरीके से बोली लगाए जाने की संभावना है, लेकिन इससे बिजली दरों में वृद्धि की आशंका नहीं है, क्योंकि सरकार ने बोली को नियमित करने के लिए नियम बनाए हैं।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा सितंबर में रद्द 204 कोयला खानों में से पहली खेप की नीलामी के लिए रखे गए नियमों के मसौदे के अनुसार, खानों का आवंटन ईंधन की खपत करने वाली बिजली उत्पादन कंपनियों जैसी विशिष्ट फर्मों को ही की जाएगी और कंपनियों पर एक नियत संख्या से अधिक ब्लॉक के लिए बोली लगाने पर पाबंदी होगी।

कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने नियमों के मसौदे को जारी करते हुए कहा, यह हमारा प्रयास है कि इस नीलामी के कारण बिजली दरें नहीं बढ़ें। हम एक व्यवस्था तैयार करने की प्रक्रिया में हैं, जिसे अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। शुल्क को काबू में रखना जरूरी है।

स्वरूप ने यह भी कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसी एक इकाई का खानों पर एकाधिकार नहीं हो। एकाधिकार से बचने के लिए कंपनियों पर एक नियत संख्या से अधिक ब्लॉक के लिए बोली लगाने पर पाबंदी होगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, बोली की तारीख 11 फरवरी के आसपास होगी। हम उम्मीद करते हैं कि 3 मार्च तक तकनीकी बोली पात्रता को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। नीलामी 6 मार्च को होगी और हमें आशा है कि हम 16 मार्च तक आदेश जारी करने में सक्षम होंगे।

लेखक NDTV Profit Desk
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