AAI-अदाणी तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के समझौते पर GST लगाने का फैसला; केरल AAR ने बाकी राज्यों की अथॉरिटी से अलग रुख अपनाया: एक्सपर्ट

केरल AAR का फैसला बताता है कि सभी राज्यों में एक जैसे GST कानून लागू करने में कितनी जटिलता है और अलग व्याख्याओं के चलते एक जैसे ट्रांजैक्शंस में भी टैक्स देनदारियां अलग-अलग हो सकती हैं: रजत मोहन

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केरल AAR (GST Authority For Advance Ruling) ने AAI और अदाणी तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच हुए 'Concessionaire Agreement' में अब तक बाकी जगह आते रहे फैसलों से उलट मत रखा है और GST चुकाने को कहा है. Concessionaire Agreement एक तरह का समझौता होता है, जो एक सरकारी संस्था और एक प्राइवेट एंटिटी के बीच होता है.

AMRG & एसोसिएट्स में सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि केरल AAR ने मामले में बाकी राज्यों के AAR से उलट रुख अपनाया है.

उन्होंने कहा, 'केरल AAR का फैसला बताता है कि सभी राज्यों में एक जैसे GST कानून लागू करने में कितनी जटिलता है और अलग-अलग व्याख्याओं के चलते एक जैसे ट्रांजैक्शंस में भी टैक्स देनदारियां अलग-अलग हो सकती हैं. इस अनियमितता के चलते जरूरी है कि राष्ट्रीय स्तर पर एक स्पष्ट गाइडलाइन हो, ताकि सभी जगह एक जैसे नियम लागू हों.'

राजस्थान, गुजरात और UP AAR ने दिया अलग फैसला

केरल AAR का ये फैसला राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश में आए फैसले से अलग है.

राजस्थान और गुजरात में अपीलेट अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग ने AAR के फैसले को बरकरार रखते हुए जयपुर और अहमदाबाद जैसे एयरपोर्ट्स के ट्रांसफर को 'Going Concern' ट्रांसफर के तौर पर मान्यता दी थी और कहा था कि इस वजह से इनके ऊपर GST नहीं लगेगा.

इसी तरह उत्तर प्रदेश AAR ने भी चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट लखनऊ को अदाणी लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को ट्रांसफर किए जाने को 'Going Concern' श्रेणी का ट्रांसफर माना था और कहा था कि इस पर GST नहीं लग सकता.

एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने केरल AAR को बताया था कि AAI ने अदाणी तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ ऑपरेशन, मैनेजमेंट और 50 साल तक एयरपोर्ट के डेवलपमेंट के लिए 'Concessionaire Agreement' किया है.

केरल AAR ने फैसले में क्या कहा?

केरल AAR ने अपने फैसले में कहा कि AAI-अदाणी एग्रीमेंट एक पक्ष से दूसरे पक्ष को 'ट्रांसफर ऑफ बिजनेस' की पात्रता नहीं पाता, इसलिए इस ट्रांसफर को 'going concern' की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता.

10 जनवरी को दिए फैसले में AAR ने कहा कंसेसनायर (Concessionaire) एयरपोर्ट को डेवलप करने की सर्विस दे रहा है, जबकि एप्लिकेंट लीजिंग, मैनपावर दूसरे पक्ष को उपलब्ध करवा रहा है. इस तरह दोनों ही GST एक्ट के सेक्शन 7 के तहत सप्लाई कर रहे हैं.

जब AAR के सामने ये सवाल आया कि क्या AAI द्वारा अदाणी तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरोपोर्ट को मौजूदा एसेट्स, एयरोनॉटिकल और नॉन-एयरोनॉटिकल एसेट्स के ट्रांसफर पर GST लगना चाहिए या नहीं, तो AAR ने कहा कि इस मामले में 'एसेट्स का ट्रांसफर' नहीं किया गया है और कंसेसनायर को दी गई सप्लाई या लीज के बदले में मिले पैसे पर GST लगेगा.

अथॉ़रिटी ने ये भी कहा कि एप्लीकेंट, कंसेसनायर से जो एनुअल कंसेशन फीस लेगा, उसके ऊपर भी GST लगेगा. फिर एप्लीकेंट, कंसेसनायर की लागत की भरपाई के लिए जो इनवॉइस लगाएगा, उसके ऊपर भी 18% GST लग सकता है.