स्पाइसजेट ने इंजन लीज फाइनेंस कॉरपोरेशन के साथ विवाद सुलझाया

24 सितंबर को एक प्रेस रिलीज में समझौता का खुलासा किया गया, समझौते में सभी चल रहे मुकदमों को वापस लिया गया है.

DGCA के एक्शन के बाद SpiceJet के शेयर प्राइस गिरे. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

स्पाइसजेट लिमिटेड ने इंजन लीज फाइनेंस कॉरपोरेशन (ELFC) के साथ सेटलमेंट की घोषणा की है, जिसमें मूल दावे से कम मगर अज्ञात राशि के लिए $16.7 मिलियन (लगभग 140 करोड़ रुपये) के विवाद का समाधान किया गया है. 24 सितंबर को एक प्रेस रिलीस में समझौता का खुलासा किया गया. समझौते के तहत ELFC ने सभी मुकदमों को वापस ले लिया है.

स्पाइसजेट के चेयरमैन और MD अजय सिंह ने कहा, "हम ELFC के साथ समझौते पर पहुंचने से खुश हैं. ये समझौता न केवल पिछले मुद्दों को हल करता है, बल्कि हमारी स्थिति को भी मजबूत करेगा."

क्या है स्पाइसजेट के फाइनेंशियल

ये समझौता स्पाइसजेट के QIP से 3,000 करोड़ रुपये जुटाने के बाद हुआ है. कंपनी के QIP में सोसाइटी जेनरेल, गोल्डमैन सैक्स, नोमुरा सिंगापुर, डिस्कवरी ग्लोबल अपॉर्चुनिटी (मॉरीशस) जैसे फंड शामिल हैं.

सितंबर 2024 तक स्पाइसजेट पर कुल कर्ज रु. 4,300 करोड़ है, जिसमें ₹3,700 करोड़ इंजीनियरिंग लेनदारों का बकाया है. स्पाइसजेट ने हाल ही में कार्लाइल एविएशन के साथ एक वित्तीय योजना की घोषणा की, जिससे उसके नेट डेट में 336 करोड़ रुपये की कमी आएगी.चल रही वित्तीय चुनौतियों और बोइंग 737 मैक्स विमानों की वैश्विक ग्राउंडिंग के बीच, स्पाइसजेट की फ्लीट 2019 में 74 विमानों से घटकर 2024 में 28 हो गई है.

NDTV प्रॉफिट ने 18 सितंबर को बताया कि 2010 के बाद से एयरलाइन का स्टेट्यूटरी बकाया बढ़कर 794 करोड़ रुपये हो गया है.

इस खबर के बाद भी कंपनी का शेयर मंगलवार को करीब 5% की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है.