US SEC सीधे अदाणी ग्रुप के चेयरमैन को नहीं भेज सकती समन; जरूरी डिप्लोमेटिक चैनल का करना होगा इस्तेमाल: रिपोर्ट

1965 के हेग कन्वेंशन और भारत-अमेरिका के बीच हुई म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस संधि के तहत इस तरह के मामलों से निपटा जाता है.

प्रतीकात्मक फोट

US SEC को अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी को भेजे गए समन को जरूरी डिप्लोमेटिक चैनल्स के जरिए भेजना होगा.

PTI ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि ऐसा इसलिए करना जरूरी है क्योंकि US SEC के पास किसी विदेशी व्यक्ति को सीधे समन भेजने का क्षेत्राधिकार नहीं है. इन्हें पोस्ट के जरिए नहीं भेजा जा सकता.

1965 के हेग कन्वेंशन और भारत-अमेरिका के बीच हुई म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस संधि के तहत इस तरह के मामलों से निपटा जाता है. इस तरह की अपील में क्या प्रक्रिया अपनायी जानी चाहिए, कन्वेंशन और संधि इसकी जरूरी व्याख्या करते हैं.

अदाणी ग्रुप ने जारी किया था बयान

अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट (DoJ) के आरोपों पर अदाणी ग्रुप ने शनिवार को बयान जारी किया है. ग्रुप ने साफ किया है कि संबंधित कानूनी फाइलिंग में अदाणी ग्रुप की कोई भी कंपनी या उनकी सब्सिडियरी कोई भी गलत कार्य करने की प्रतिवादी (डिफेंडेंट) या आरोपी नहीं है. अदाणी ग्रुप आगे न्यायालय के अधीन चल रहे मामले में वकीलों से राय लेने के बाद विस्तृत बयान भी जारी करेगा.

ग्रुप की तरफ से जारी किए गए मौजूदा स्टेटमेंट के मुताबिक, 'अदाणी ग्रुप के पोर्टफोलियो में 11 पब्लिक कंपनियां हैं और इनमें से कोई भी न्यूयॉर्क के कोर्ट में US DoJ के वकील की तरफ से की गई फाइलिंग में किसी भी कानूनी कार्यवाही में प्रतिवादी (डिफेंडेंट) नहीं है.'

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