विप्रो ने एप्लाइड वैल्यू ग्रुप की 3 कंपनियों को 40 मिलियन डॉलर में 100% हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है. विप्रो ने सोमवार को बताया कि वो अमेरिका स्थित फर्म एप्लाइड वैल्यू ग्रुप की तीन कंपनियों का 40 मिलियन डॉलर या लगभग 340 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करेगी.
एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी प्रमुख ने अपनी सहायक कंपनियों के माध्यम से एप्लाइड वैल्यू टेक्नोलॉजीज, एप्लाइड वैल्यू टेक्नोलॉजीज BV और एप्लाइड वैल्यू टेक्नोलॉजीज Pte में 100% शेयर होल्डिंग हासिल करने के लिए एक निश्चित समझौते पर हस्ताक्षर किया है .
कंपनी ने कहा कि इस अधिग्रहण से विप्रो की मौजूदा एप्लिकेशन सर्विस में ग्रोथ होगी, जिससे डेवलपमेंट के नए अवसरों को बढ़ावा मिलेगा. विप्रो ने कहा कि इस महीने के अंत तक ट्रांजैक्शन पूरा होने की उम्मीद है.
2021 में स्थापित, एप्लाइड वैल्यू टेक्नोलॉजीज का मुख्यालय मैसाचुसेट्स में है जबकि एप्लाइड वैल्यू टेक्नोलॉजीज का मुख्यालय सिंगापुर में है.
एप्लाइड वैल्यू टेक्नोलॉजीज BV की स्थापना एक साल बाद नीदरलैंड में हुई थी. ये कंपनियां वैश्विक ग्राहकों के लिए एंटरप्राइज ऍप्लिकेशन्स डेवलपमेंट और सपोर्ट सर्विस देती है.
इन कंपनियों कंसोलिडेट रेवेन्यू FY21 के लिए $0.8 मिलियन, 2022 में $8.7 मिलियन और 2023 में $19.4 मिलियन रहा है.
पिछले ही महीने, विप्रो ने ऑटोमोटिव पार्ट्स मैन्युफैक्चरिंग मारेली की इतालवी यूनिट से चार साल का सौदा हासिल किया. सूत्रों के मुताबिक, इस सौदे की वैल्यू $100 मिलियन है. कंपनी ने प्रेस रिलीज में कहा कि चार साल का प्रोजेक्ट विस्तार क्लाउड परिवर्तन और बेहतर ऑपरेशन दक्षता पर केंद्रित है. ताकि इनोवेशन को बढ़ावा दिया जा सके और बाजार में आने में लगने वाले समय को कम किया जा सके. विप्रो ने सबसे पहले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से संपर्क किया था.
सोमवार को विप्रो के शेयर 0.4% गिरकर 308.7 रुपये पर बंद हुए, जबकि बेंचमार्क निफ्टी 50 में 0.4% की गिरावट आई. पिछले 12 महीनों में शेयर में 39% की बढ़ोतरी हुई है.