Zee-Sony Merger: विलय होगा या नहीं, फैसला आज! सोनी ने बुलाई बोर्ड बैठक?

पिछले हफ्ते खबर ये आई थी कि सोनी प्रस्तावित डील को खत्म कर सकती है और 20 जनवरी के पहले एक टर्मिनेशन नोटिस जारी कर सकती है. लेकिन इसके बाद जी एंटरटेनमेंट ने एक आधिकारिक बयान जारी करके इस दावे का खंडन किया

Source: NDTV Profit

जी और सोनी (Zee-Sony Group) के बीच 10 बिलियन डॉलर मर्जर डील का क्या होगा? आज इस पर फैसला हो सकता है. Economic Times ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि सोनी ग्रुप ने आज यानी शुक्रवार को मर्जर डील पर फैसला करने के लिए बोर्ड बैठक बुलाई है.

दरअसल, पिछले हफ्ते खबर ये आई थी कि सोनी प्रस्तावित डील को खत्म कर सकती है और 20 जनवरी के पहले एक टर्मिनेशन नोटिस जारी कर सकती है. लेकिन इसके बाद जी एंटरटेनमेंट ने एक आधिकारिक बयान जारी करके इस दावे का खंडन किया और कहा था कि डील खत्म होने से जुड़ी खबरें गलत हैं.

सोनी की टोक्यो हेडक्वार्टर में बोर्ड बैठक

ET को मामले की जानकारी रखने वाले सूत्र ने बताया कि मर्जर पर फैसला करने के लिए लगातार दो बैठकें रखी गई हैं. सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स (Culver Max Entertainment India) की गुरुवार रात की बैठक के बाद टोक्यो हेडक्वार्टर में सोनी की बैठक होगी.

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि सोनी 'गुड फेथ डिस्कशन' (Good faith discussions) को खत्म करने के लिए एक रेजोल्यूशन पास कर सकता है,यानी इस विलय को रद्द कर दिया जाएगा, अगर जी के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO पुनीत गोयनका इस बात पर सहमत नहीं हो जाते हैं कि वो विलय के बाद बनी कंपनी में मौजूदा पद पर नहीं बैठेंगे.

पुनीत गोयनका छोड़ सकते हैं कुर्सी

हालांकि मामले की जानकारी रखने वाले बताते हैं कि पुनीत गोयनका 19 जनवरी को अपनी कुर्सी छोड़ सकते हैं. इस सूत्र ने ET को बताया कि अब यह बिल्कुल साफ है कि गोयनका नई कंपनी की अगुवाई नहीं कर सकते हैं. बातचीत से जुड़े एक अधिकारी ने कहा 'अगर विलय आगे बढ़ना था, तो उसे उस दिन पद छोड़ना होगा जिस दिन विलय वास्तव में पूरा हो जाएगा और एक नई विलय वाली कंपनी का जन्म होगा.'

इस डील को 21 दिसंबर 2023 तक पूरा होना था. एग्रीमेंट के मुताबिक तीन बार एक्सटेंशन लिया जा सकता है. Zee ने दिसंबर में एक्सटेंशन की मांग की थी. इसके बाद खबर आई थी कि सोनी विलय की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हो गया है.

दरअसल पेंच नई कंपनी में लीड कौन करेगा, इस मुद्दे पर फंसा था. मुख्य प्लान के मुताबिक, पुनीत गोयनका को नई एंटिटी में मैनेजिंग डायरेक्टर बनना था. लेकिन जून 2023 में पुनीत गोयनका और सुभाष चंद्रा के किसी भी कंपनी के बोर्ड में मेंबर बनने को लेकर SEBI ने प्रतिबंध लगा दिया था.

ये प्रतिबंध फंड की हेरफेर के मामले में चल रही जांच के दौरान लगाया गया था. अक्टूबर 2023 में जाकर SAT से SEBI का आदेश रद्द करवाने में गोयनका को कामयाबी मिली थी. इस तरह के तमाम कानूनी दांव-पेंच में फंसने के चलते मर्जर डील में लगातार देरी होती गई.