साइरस मिस्त्री ने वेलस्पन पावर को खरीदने के मामले में टाटा के दावे को किया खारिज

टाटा समूह और विशेष तौर पर रतन टाटा पर अपने हमले को जारी रखते हुए कंपनी के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने शुक्रवार को समूह के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया है कि निदेशक मंडल ने जून में टाटा पावर द्वारा वेलस्पन को खरीदे जाने के लिए सही से चर्चा नहीं की थी.

टाटा समूह और विशेष तौर पर रतन टाटा पर अपने हमले को जारी रखते हुए कंपनी के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने शुक्रवार को समूह के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया है कि निदेशक मंडल ने जून में टाटा पावर द्वारा वेलस्पन को खरीदे जाने के लिए सही से चर्चा नहीं की थी.

मिस्त्री ने देर रात एक बयान में कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि रतन टाटा सोमवार को की गई कार्रवाई को वाजिब करार देने के लिए ऐसे सार्वजनिक बयान दे रहे हैं, जो उनकी जानकारी और टाटा समूह के रिकॉर्डों के विरोधाभासी हैं.

टाटा के सूत्रों ने कहा कि टाटा ट्रस्ट्स के न्यासियों को वेलस्पन पावर के साथ हुए लेनदेन की कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा निदेशक मंडल की बैठक के सभी नोट रतन टाटा के साथ साझा किए गए थे, क्योंकि वह समूह के मानद चेयरमैन थे.

अपनी तरफ से साक्ष्यों को पेश करते हुए मिस्त्री ने कहा कि 2016 की शुरुआत में टाटा पावर ने टाटा संस के सामने एक प्रस्तुति दी थी कि ध्यान देने वाला मुख्य क्षेत्र नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र होगा और इसकी तारीफ टाटा संस के निदेशक मंडल ने भी की थी.

साइरस मिस्त्री ने कहा, 'टाटा संस के निदेशक मंडल तथा टाटा को 31 मई 2016 को नोट जारी किया गया था, जिसमें प्रस्तावित वेलस्पन सौदे के बारे में सूचना थी और उनसे पूछा गया था कि क्या और कोई सूचना की जरूरत है.'

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

लेखक Bhasha
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