कालेधन के खिलाफ लगातार सख्ती, लेकिन राजनीतिक दलों को शर्तों के साथ चंदे पर आयकर से छूट

सरकार बैंकों में जमा बिना हिसाब किताब वाले धन पर जहां एक तरफ कड़ा जुर्माना लगाने की पहल कर रही है, वहीं उसने शुक्रवार को कहा कि राजनीतिक दलों के खाते में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों में जमा राशि पर आयकर नहीं लगेगा.

प्रतीकात्मक चित्र

सरकार बैंकों में जमा बिना हिसाब किताब वाले धन पर जहां एक तरफ कड़ा जुर्माना लगाने की पहल कर रही है, वहीं उसने शुक्रवार को कहा कि राजनीतिक दलों के खाते में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों में जमा राशि पर आयकर नहीं लगेगा.

हालांकि, इसके साथ ही सरकार ने यह भी कहा है कि इसमें यह देखा जाएगा कि राजनीतिक दलों को मिलने वाला व्यक्तिगत चंदा 20,000 रुपये से कम होना चाहिए और यह दस्तावेजों में दर्ज होना चाहिए.

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राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा है कि सरकार राजनीतिक दलों को प्राप्त कर छूट में कोई छेड़छाड़ नहीं कर रही है. राजनीतिक दल 500 और 1,000 रुपये के नोट अपने खातों में जमा कराने के लिए मुक्त हैं, लेकिन इस प्रकार की जमा पर शर्त होगी कि इसमें नकद में लिया गया व्यक्तिगत चंदा 20,000 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए और इसके पूरे दस्तावेज होने चाहिए, जिसमें दानदाता की पूरी पहचान होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि यदि कोई एक व्यक्ति 20,000 रुपये से अधिक का दान पार्टी को देता है तो मौजूदा कानून के तहत यह चेक या बैंक ड्राफ्ट के जरिये होना चाहिए.

सरकार ने यह भी कहा है किसानों की कृषि आय कर मुक्त है, हालांकि, इस मामले में किसानों को एक घोषणा पत्र देना होगा जिसमें यह कहना होगा कि उनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम है. ऐसी घोषणा से उन्हें बैंक जमा के लिए पैन की आवश्यकता नहीं होगी.

अधिया ने कहा कि जो किसान घोषणा पत्र जमा नहीं कर पाएगे, उन्हें स्थायी खाता संख्या यानी पैन देना होगा. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों की बैंक जमा राशि पर टैक्स नहीं लगाया जाएगा. उन्होंने कहा, 'यदि यह राशि राजनीतिक दल के खाते में जमा है तो उस पर छूट है, लेकिन यदि यह राशि किसी व्यक्तिगत खाते में पड़ी है तो उसके बारे में सूचना हमारे रडार में आ जाएगी. यदि कोई व्यक्ति अपने खाते में पैसा रख रहा है तो इसके बारे में हमें सूचना मिल जाएगी.

अधिया ने कहा कि आयकर कानून 1961 की धारा 13ए के तहत राजनीतिक दलों को उनकी आय पर कर से छूट प्राप्त है. उनकी यह आय आवास संपत्ति, अन्य स्रोतों, पूंजीगत लाभ और किसी व्यक्ति की ओर से स्वैच्छिक योगदान से हो सकती है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

लेखक Bhasha
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