मुश्किल दौर से बाहर निकली अर्थव्यवस्था, और सुधार जल्द : पीएम मोदी

मोदी ने कहा, मेरा मानना है कि देश जिस मुश्किल दौर से गुजर रहा था, उससे हम आगे निकल चुके हैं। इस सरकार के 100 दिन के कार्यकाल में हमने स्थिरता हासिल की है और जो लगातार गिरावट का दौर था, उसे रोका है।

पीएम नरेंद्र मोदी की फाइल तस्वीर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ने 100 दिन के अपने कार्यकाल में अर्थव्यवस्था को मुश्किल स्थिति से निकालकर इसमें स्थिरता ला दी है। इसके साथ ही उन्होंने विदेशी निवेश के रास्ते में आने वाली अड़चनों को दूर करने का भी वादा किया।

मोदी ने कहा, मेरा मानना है कि देश जिस मुश्किल दौर से गुजर रहा था, उससे हम आगे निकल चुके हैं। इस सरकार के 100 दिन के कार्यकाल में हमने स्थिरता हासिल की है और जो लगातार गिरावट का दौर था, उसे रोका है।

जापान की यात्रा से पहले नई दिल्ली में जापानी मीडिया से बातचीत में मोदी ने कहा, हमें अब रनवे पर आगे बढ़ना है, मुझे पूरा विश्वास है कि बहुत जल्द हम और नई ऊंचाईयों पर पहुंचेंगे।

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की नई सरकार ने इस साल 26 मई को सत्ता संभालने के बाद देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं।

मोदी ने कहा, मेरा मानना है कि सरकार की सही मंशा और नीतिगत स्थिरता के बारे में सही संकेत जाने से एफडीआई प्रवाह अपने आप ही होने लगेगा, क्योंकि भारत एक बेहतर निवेश स्थल है। हम बातचीत के लिए तैयार हैं और एफडीआई आकर्षित करने के लिए सभी तरह की अड़चनें दूर करेंगे।

मोदी सरकार ने रेलवे में एफडीआई के नियमों को उदार बनाया है। हाई स्पीड ट्रेन सहित रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में ऑटोमेटिक रूट से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी है। इसके अलावा रक्षा क्षेत्र में मंजूरी के जरिये एफडीआई सीमा को मौजूदा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत कर दिया।

एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक के बारे में पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि चीन ने इस बैंक के संस्थापक सदस्य के तौर पर शामिल होने के लिए भारत को आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा... भारत इस निमंत्रण पर विचार कर रहा है। भारत हर उस नए बहुपक्षीय विकास बैंक को पसंद करेगा जो कि उन सुधारों को शामिल करेगा, जिसके लिए हम मौजूदा अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में करने के लिए वकालत कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि भारत की इच्छा है कि वैश्विक बचत का इस्तेमाल विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में ढांचागत क्षेत्र के विकास में किया जाए।

लेखक NDTV Profit Desk
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