गर्मी में एयर कंडीशनर और फ्रिज की संभावित किल्लत को देखते हुए केंद्र सरकार ने कंपनियों को बड़ी राहत दी है. वाणिज्य मंत्रालय के अधीन DPIIT (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) ने AC और फ्रिज के जरूरी पार्ट्स के लिए BIS सर्टिफिकेशन नियमों में छूट दी है.
NDTV Profit ने पिछले दिनों AC-फ्रिज बनाने वाली कंपनियों की दिक्कतों पर रिपोर्ट की थी कि इस गर्मी में इनकी किल्लत हो सकती है. रिपोर्ट में इंडस्ट्री की जिन दिक्कतों का हवाला दिया गया था, उनमें BIS सर्टिफिकेशन और आयात संबंधी पेच शामिल थे. केंद्र ने इन परेशानियों को देखते हुए अब राहत दी है.
क्या है सरकार का फैसला?
सरकार ने कुछ नियमों को आसान किया है. जैसे कॉपर ट्यूब्स (Copper Tubes) जैसी महत्वपूर्ण चीजों को 30 जून तक BIS सर्टिफिकेशन से छूट दी गई है. यानी कंपनियां बिना सर्टिफिकेशन वाली कंपनियों से भी कॉपर ट्यूब्स इंपोर्ट कर सकेंगी.
वहीं दो टन या उससे ज्यादा क्षमता वाले AC कंप्रेसर को 10 फरवरी 2026 तक सर्टिफिकेशन से छूट दी गई है. यानी इस बार की गर्मी के मौसम के साथ-साथ अगली गर्मी से पहले तक की तैयारियों के लिए कंपनियों के पास पूरा मौका होगा.
क्यों लिया गया फैसला?
देश की बड़ी व्हाइट गुड्स कंपनियों ने सरकार को आगाह किया था कि इस बार जल्दी गर्मी शुरू हो जाने से एसी की डिमांड अचानक बढ़ गई है.
कई चीनी कंपनियों के BIS अप्रूवल में देरी हो रही थी, जिससे जरूरी पार्ट्स की सप्लाई में रुकावट आ रही थी.
भारत में इतनी स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग क्षमता नहीं है कि बढ़ी हुई मांग को पूरा कर सके.
BIS नियम के तहत कंपनियों को केवल सर्टिफाइड फैक्ट्री से ही पार्ट्स मंगवाने की इजाजत होती है, जिससे संकट और गहरा रहा था.
पिछले दिनों NDTV Profit ने इन दिक्कतों के बारे में रिपोर्ट की थी, जिस ओर सरकार का ध्यान गया. (नीचे लिंक पर क्लिक कर आप पूरी खबर पढ़ सकते हैं.)
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कंपनियों को क्या फायदा?
सरकार के इस फैसले से AC और फ्रिज बनाने वाली कंपनियों को तुरंत राहत मिलेगी. वे बिना सर्टिफिकेशन के कुछ जरूरी पार्ट्स चीन जैसे देशों से आयात कर पाएंगी और बाजार में सप्लाई बनी रहेगी. इससे ग्राहकों को गर्मी में AC और फ्रिज की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा. जानकारों का मानना है कि ये कदम समय पर उठाया गया है, जिससे डिमांड और सप्लाई में संतुलन बना रहेगा.
कंपनियों ने पहले क्या कहा था?
वोल्टास, ब्लू स्टार, गोदरेज, पैनासोनिक और अन्य कंपनियां 25-30% तक बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए तैयार हैं. कंपनी के अधिकारियों का कहना था कि इंडस्ट्री 25% तक की डिमांड ग्रोथ के लिए तो तैयार हैं, लेकिन अगर पिछले साल जैसी 60% तक की अचानक बढ़ोतरी हुई, तो स्टॉक खत्म हो सकता है.
गोदरेज अप्लायंसेज के प्रमुख कमल नंदी के अनुसार, कुछ महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स के आयात की मंजूरी एक महीने से अटकी हुई है.
कंपनियों का अनुमान जताया था कि पहले वाली स्थिति में AC की कीमतें 3-4% तक बढ़ सकती हैं, जिससे AC ₹1,500-₹2,000 तक महंगे हो सकते हैं. गोदरेज ने संकेत दिया था कि अप्रैल के अंत तक कीमतें बढ़ाई जा सकती हैं.
ईपैक ड्यूरेबल के CEO अजय DD सिंघानिया के मुताबिक, गर्मियों के मौसम में AC की मांग में तेज बढ़ोतरी देखी जा रही है, पिछले दो वर्षों में सेल्स करीब दोगुनी हो गई है.
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, फरवरी 2024 पिछले 125 सालों में सबसे गर्म रही. मार्च से मई के बीच लू (हीटवेव) के ज्यादा दिन रहने की संभावना है, जिससे AC की मांग रिकॉर्ड स्तर पर जा सकती है.