काफी समय से लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर GST हटाने की मांग की जा रही है, जिसे लेकर एक अपडेट सामने आया है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, दोनों पॉलिसीज के प्रीमियम पर टैक्स के बारे में 4 विकल्पों पर चर्चा हुई.
बिहार के डिप्टी CM सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में शनिवार को दिल्ली में हुई GoM की मीटिंग में ज्यादातर सदस्यों ने लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर GST हटाने की सिफारिश की है. साथ ही कई दूसरे सदस्यों ने GST कम करने सहित अलग-अलग सुझाव दिए हैं. बता दें कि अभी 18% GST का प्रावधान है.
और किन विकल्पों पर हुई चर्चा?
इस मीटिंग में जिस दूसरे विकल्प पर चर्चा हुई, वो लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर GST दरों को वर्तमान 18% से कम करकर 5% करना है.
इसके अलावा एक और विकल्प, सीनियर सिटीजन के प्रीमियम और 5 लाख रुपये तक के कवरेज वाले प्रीमियम को छूट देना का है या फिर वैकल्पिक रूप से केवल सीनियर सिटीजन को GST के दायरे से छूट देना शामिल है.
इन चारों प्रस्तावों से केंद्र पर अलग-अलग प्रभाव और बोझ पड़ सकता है, जो 3,495 करोड़ रुपये, 1,730 करोड़ रुपये, 2,110 करोड़ रुपये और 645 करोड़ रुपये हो सकता है.
31 अक्टूबर तक देनी है रिपोर्ट
सितंबर महीने में GST काउंसिल की 54वीं मीटिंग में हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर GST दरों की समीक्षा के लिए 13 सदस्यीय मंत्रिसमूह (GoM) का गठन किया था. जिसका काम हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर GST दरें क्या होनी चाहिए या इनपर GST हटना चाहिए इसपर सुझाव देना है. ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स को आने वाली 31 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट जमा करनी है.
कुछ राज्यों ने की थी मांग
कुछ राज्यों ने हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस पर GST हटने को लेकर मांग की थी, वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी वित्त मंत्री को इस ओर ध्यान देने के लिए पत्र लिखा था.
इंटरनल अनुमानों से पता चलता है कि FY23 के दौरान भारत में कुल हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम 90,032 करोड़ रुपये था, जिसमें व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस सेगमेंट का हिस्सा 35,300 करोड़ रुपये था.
साथ ही इसमें ये भी सामने आया कि सरकार ने व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स के तौर पर 66,354 करोड़ रुपये कलेक्ट किए.
फाइनेंस बिल 2024 में संशोधन के मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 7 अगस्त को अपने जवाब में कहा था, 'GST लागू होने से पहले से ही मेडिकल इंश्योरेंस पर टैक्स लगता रहा है. ये कोई नया मुद्दा नहीं है, ये पहले से ही सभी राज्यों में था.'