S&P ने भारत का आउटलुक 'स्टेबल' से 'पॉजिटिव' किया, ग्रोथ पर बढ़ा भरोसा

पिछले साल मई में, S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की ग्रोथ पर स्टेबल आउटलुक के साथ भारत की ओवरऑल रेटिंग को 'BBB-' की थी,

Source: Reuters

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी S&P ने भारत का आउटलुक 'स्टेबल' से 'पॉजिटिव' कर दिया है. S&P ग्लोबल ने बुधवार को अपने आउटुल में संशोधन किया है. S&P ग्लोबल ने ओवरऑल रेटिंग को 'BBB-' रखा है. रेटिंग एजेंसी का कहना है कि भारत की आर्थिक ग्रोथ मजबूत है, जिसका क्रेडिट मेट्रिक्स पर पॉजिटिव असर है.

S&P ग्लोबल का भारत पर बढ़ा भरोसा

S&P ग्लोबल ने अपने नोट में कहा है कि पॉजिटिव आउटलुक हमारे नजरिए को दर्शाता है कि लगातार पॉलिसी में स्थिरता, बेहतर होते आर्थिक रिफॉर्म्स और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ऊंचा निवेश लंबी अवधि की विकास संभावनाओं को बनाए रखेंगे.

रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि मौजूदा फिस्कल और मॉनिटरी पॉलिसी से सरकार का कर्ज और ब्याज दोनों कम होगा, जिससे आर्थिक लचीलापन बढ़ेगा, नतीजतन अगले 24 महीनों के भीतर ऊंची रेटिंग देखने को मिल सकती है

S&P भारत पर बुलिश

  • भारत का आउटलुक 'स्टेबल' से बढ़ाकर 'पॉजिटिव' किया

  • भारत की रेटिंग 'BBB-' बरकरार रखी

  • पॉलिसी में स्थिरता, बढ़ते इकोनॉमिक रिफॉर्म्स का फायदा

  • चुनाव के नतीजों का नहीं होगा भारत की ग्रोथ पर असर

  • अगर फिस्कल डेफिसिट कम हुआ तो रेटिंग अपग्रेड भी संभव

पिछले साल मई में, S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की ग्रोथ पर स्टेबल आउटलुक के साथ भारत की ओवरऑल रेटिंग को 'BBB-' की थी, तब रेटिंग एजेंसी ने भारत के कमजोर वित्तीय प्रदर्शन और प्रति व्यक्ति कम GDP को जोखिम के रूप में बताया था.

फिस्कल डेफिसिट कम हुआ तो रेटिंग अपग्रेड

मतलब ये कि अगर फिस्कल डेफिसिट आगे जाकर काफी हद तक कम होता है तो रेटिंग एजेंसी भारत की रेटिंग को अपग्रेड कर सकती है, जो कि अभी 'BBB-' पर बरकरार है. इससे सामान्य सरकारी कर्ज में कमी आएगी और ये GDP के 7% से भी नीचे चली जाएगी. इंफ्रास्ट्रक्चर और फिस्कल एडजस्टमेंट में लगातार पब्लिक इन्वेस्टमेंट आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकता है और भारत के कमजोर पब्लिक फाइनेंस में सुधार ला सकता है.

साथ ही अगर सेंट्रल बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी की प्रभावशीलता और विश्वसनीयता में लगातार और पर्याप्त सुधार देखने को मिलता है, जैसे कि महंगाई को वक्त के साथ कम ब्याज दरों पर मैनेज कर लिया जाता है तो हम रेटिंग भी बढ़ा सकते हैं.

S&P ग्लोबल का कहना है कि सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च भारत के विकास की राह को आसान करेगा, हम उम्मीद करते हैं कि चुनाव के नतीजों की परवाह किए बिना भारत में सुधार जारी रहेंगे.

हालांकि, S&P ग्लोबल ने ये चेतावनी भी दी है कि अगर पब्लिक फाइनेंस के प्रति राजनीतिक प्रतिबद्धता में कमी देखने को मिलती है तो वो आउटलुक को फिर से स्टेबल भी कर सकते हैं.