शेयर बाजार में रहेगी तिमाही परिणामों पर नजर

देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की नजर तिमाही परिणामों की अगली खेप पर रहेगी। शुक्रवार नौ अगस्त को रमजान के अवसर पर शेयर बाजार बंद रहेंगे।

देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की नजर तिमाही परिणामों की अगली खेप पर रहेगी। शुक्रवार नौ अगस्त को रमजान के अवसर पर शेयर बाजार बंद रहेंगे।

अगले सप्ताह भी कंपनियों के तिमाही परिणामों की घोषणा होती रहेगी। निवेशक इन परिणामों के साथ आने वाली अन्य सूचनाओं से अलग-अलग कंपनियों में संभावनाओं की खोज करेंगे।

सोमवार पांच अगस्त को एनडीटीवी, स्पाइसजेट और व्हील्स इंडिया जैसी कंपनियों के परिणाम आएंगे। मंगलवार को जिंदल होटल, टाटा पावर और यूनीटेक, बुधवार को अपोलो हॉस्पीटल, अपोलो टायर, एनएमडीसी और टाटा मोटर्स के, गुरुवार को जेट एयरवेज, मोजर बेयर और मुक्ता आर्ट्स के और शुक्रवार को बालाजी टेलीफिल्म्स, सिप्ला, मनाप्पुरम फाइनेंस, प्राज इंडस्ट्रीज, सन फार्मा और टीवीएस मोटर के परिणाम आएंगे।

इस साल बेहतर बारिश के कारण कृषि उपज बेहतर रहने की उम्मीद है। इससे खाद्य महंगाई दर में कमी आ सकती है। उपज बेहतर रहने से ग्रामीणों की क्रय क्षमता बढ़ेगी और इससे मांग में तेजी आएगी। इसके अलावा आगामी त्योहारी सत्र के कारण भी खुदरा बाजार में तेजी रहने के आसार हैं। खास तौर से वाहन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र की कंपनियां अच्छा कारोबार कर सकती हैं।

पांच अगस्त से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र का भी निवेशकों के निवेश फैसले पर असर हो सकता है। मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक संसद में पेश होने की उम्मीद है। इनमें प्रमुख हैं भूमि अधिग्रहण विधेयक, बीमा विधेयक, पेंशन विधेयक, कंपनी विधेयक और प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक।

आने वाले कुछ सप्ताहों में बाजार में शेयरों की व्यापक आपूर्ति के कारण शेयर बाजारों के सूचकांकों के ऊपर की ओर बढ़ने की उम्मीद कम है।

वर्ष 2014 में सरकारी कंपनियों के विनिवेश के सरकारी लक्ष्य से भी शेयरों की बिकवाली को हवा मिलेगी। सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से वर्तमान कारोबारी वर्ष में 40 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने निजी कंपनियों में भी अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से 14 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।

लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरों के चलते अगले साल मई तक शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। माना जा रहा है कि अगली सरकार कई पार्टियों की मिलीजुली हो सकती है, जिससे आर्थिक सुधार की प्रक्रिया के अवरुद्ध होने की आशंका है। वित्तीय घाटा प्रबंधन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग घटा सकती हैं।

बाजार में इस वक्त सेंसेक्स से बाहर बड़ी संख्या में शेयरों में काफी गिरावट देखी जा रही है। इसको देखते हुए निवेशक बॉटमअप की रणनीति अपना सकते हैं। यानी वे सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। छोटे निवेशकों को इस दौरान सेक्टर कॉल लेने के बजाए खास-खास शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।

लेखक NDTV Profit Desk
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