औद्योगिक उत्पादन में फरवरी में पांच प्रतिशत की वृद्धि, नौ माह का सबसे अच्छा आंकड़ा

औद्योगिक उत्पादन के फरवरी के आंकड़े उत्पादन गतिविधियों में सुधार की उम्मीद जगाते हैं। विनिर्माण क्षेत्र के साथ साथ पूंजीगत सामानों और उपभोक्ता वस्तुओं की खरीदारी में अच्छी वृद्धि से फरवरी में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि पांच प्रतिशत पर पहुंच गई जो कि नौ माह में सबसे ऊंची वृद्धि है।

औद्योगिक उत्पादन के फरवरी के आंकड़े उत्पादन गतिविधियों में सुधार की उम्मीद जगाते हैं। विनिर्माण क्षेत्र के साथ साथ पूंजीगत सामानों और उपभोक्ता वस्तुओं की खरीदारी में अच्छी वृद्धि से फरवरी में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि पांच प्रतिशत पर पहुंच गई जो कि नौ माह में सबसे ऊंची वृद्धि है।

एक साल पहले फरवरी 2014 में औद्योगिक उत्पादन में दो प्रतिशत गिरावट आई थी। केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन में 75 प्रतिशत योगदान रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र में फरवरी 2015 में 5.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई जबकि एक साल पहले इसी महीने इसमें 3.9 प्रतिशत गिरावट आई थी।

फरवरी में पूंजीगत सामानों और उपभोक्ता वस्तुओं में भी गतिविधियां अच्छी रही। फरवरी 2014 के मुकाबले इस साल फरवरी में पूंजीगत सामानों में 8.8 प्रतिशत और उपभोक्ता वस्तुओं में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने फरवरी के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आंकड़ों पर कहा, ‘आंकड़े बाजार की उम्मीद से कहीं ऊपर हैं। इससे पता चलता है कि औद्योगिक क्षेत्र में सुधार मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है और जल्द ही निवेश चक्र में भी बदलाव आएगा।’

उन्होंने सुझाव दिया कि औद्योगिक एवं निवेश गतिविधियों को बढ़ाने के लिए सरकार को नीतिगत सुधारों को आगे बढ़ाना जारी रखना चाहिए। उद्योग मंडल फिक्की के महासचिव ए. दीदार सिंह ने कहा, ‘इस वृद्धि को बनाए रखने के लिये यह महत्वपूर्ण है कि ब्याज दरों में कमी लाई जाए ताकि निवेश और मांग बढ़ाई जा सके। इसके अलावा व्यवसाय परिवेश में सुधार लाने के कदम भी उठाए जाने चाहिए।’

उन्होंने कहा कि देश में बढ़ते श्रम बल के लिए अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि सकारात्मक धारणा और वृद्धि का यह रुझान बना रहे। अप्रैल से फरवरी 2014-15 अवधि में आईआईपी में कुल मिलाकर 2.8 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। एक साल पहले इसी अवधि में आईआईपी 0.1 प्रतिशत गिरा था।

इस बीच जनवरी के आईआईपी वृद्धि के आंकड़े को 2.6 प्रतिशत से सुधारकर 2.77 प्रतिशत कर दिया गया है। अप्रैल से फरवरी में विनिर्माण क्षेत्र में एक साल पहली इसी अवधि में जहां 0.7 प्रतिशत गिरावट आई थी वहीं 2014-15 के 11 महीनों में इसमें 2.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। खनन क्षेत्र में फरवरी में 2.5 प्रतिशत वृद्धि हुई।

पिछले वर्ष फरवरी में 2.3 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। अप्रैल-फरवरी 2014-15 में खनन क्षेत्र के उत्पादन में 1.5 प्रतिशत वृद्धि हुई। इससे पिछले वर्ष इस अवधि में क्षेत्र का उत्पादन 0.7 प्रतिशत घटा था। सीएसओ आंकड़ों के अनुसार फरवरी में एक साल पहले के मुकाबले विनिर्माण क्षेत्र के 22 उद्योग समूहों में से 15 में वृद्धि दर्ज की गई।

फरवरी में विद्युत उत्पादन 5.9 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 11.5 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। फरवरी में सकल उपभोक्ता सामानों का उत्पादन 5.2 प्रतिशत बढ़ा जबकि पिछले साल फरवरी में इसमें इतनी ही गिरावट आई थी। हालांकि, टिकाउ उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन फरवरी में 3.4 प्रतिशत घट गया जबकि पिछले साल फरवरी में इसमें 9.8 प्रतिशत गिरावट रही थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार गैर-टिकाउ उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन फरवरी में 10.7 प्रतिशत बढ़ा है। पिछले साल इसी माह इसमें 2 प्रतिशत गिरावट आई थी।

अप्रैल-फरवरी 2014-15 के 11 महीनों में बिजली उत्पादन एक साल पहले की इसी अवधि के 6.2 प्रतिशत के मुकाबले 9.1 प्रतिशत बढ़ा। उपभोक्ता वसतुओं का उत्पादन आलोच्य अवधि में 3.7 प्रतिशत घट गया जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 2.9 प्रतिशत गिरा था।

सीएसओ आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2015 में त्वरित अनुमान के अनुसार आधार वर्ष 2004-05 का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 181.3 अंक रहा जो कि फरवरी 2014 के सूचकांक 172.7 अंक के मुकाबले 5.0 प्रतिशत ऊंचा रहा। इसी प्रकार अप्रैल से फरवरी 2014-15 का सकल सूचकांक 174.9 अंक रहा जो कि इससे पिछले साल इसी अवधि में 170.1 अंक रहा था। इसमें 2.8 प्रतिशत वृद्धि रही।

लेखक NDTV Profit Desk
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