NPCI BHIM ने कसी कमर: UPI पेमेंट्स में सिर्फ 2 कंपनियों के वर्चस्व को चुनौती देने की तैयारी

13 अगस्त को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ने NPCI BHIM Services नाम की कंपनी का गठन किया है. ये मौजूदा सर्विसेज को नए मुकाम पर ले जाने की तैयारी है, ताकि मार्केट डायनामिक्स को बदला जा सके. समझें कैसे?

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13 अगस्त को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ने NPCI BHIM Services नाम की कंपनी का गठन किया. मतलब एक ऐप को फुल फ्लैज्ड कंपनी में बदल दिया गया है.

NPCI स्टेटमेंट के मुताबिक, 'इस कदम का उद्देश्य डिजिटल ट्रांजैक्शंस की बढ़ती डिमांड और बदलते बाजार की जरूरतों को पूरा करने के साथ इनोवेशन और ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताओं के साथ तालमेल बनाना है. साथ ही फाइनेंशियल इंक्लूजन को भी इस कदम से बढ़ावा मिलेगा.'

लेकिन इतना सबकुछ क्यों कहा जा रहा है? UPI ऐप के तौर पर BHIM को बहुत सफलता नहीं मिली. 90% UPI ट्रांजैक्शंस सिर्फ दो एंटिटीज (गूगल पे और फोनपे) के जरिए होते हैं. इस समीकरण से पेमेंट इकोसिस्टम पर नजर रखने वाले कई लोग चिंतित भी होते रहे हैं.

NDTV Profit ने NPCI के नए कदम से जुड़े 3 लोगों से बात की है. नाम ना छापने की शर्त पर उन्होंने कहा कि नया डेवलपमेंट ना केवल इस धंधे में 2 कंपनियों के प्रभुत्व को खत्म करने की कोशिश है, बल्कि ये पेमेंट्स में राष्ट्रहित को बढ़ावा देने की योजना भी है.

सिर्फ तीसरे पायदान पर आने की कोशिश नहीं

  • NPCI द्वारा जारी डेटा के मुताबिक अगस्त ऐसा चौथा महीना था, जब UPI से 20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शंस हुए.

  • 31 जुलाई तक का डेटा देखें, तो दो सबसे बड़े UPI ऐप- वॉलमार्ट का फोनपे और गूगल पे संयुक्त तौर पर 88% मार्केट शेयर रखते हैं.

  • यहां तक कि पेमेंट वॉल्यूम बेसिस पर भी जुलाई में फोनपे से 48.3% ट्रांजैक्शंस हुए, जबकि गूगल से 37% ट्रांजैक्शंस हुए.

NPCI द्वारा अधिकतम मार्केट शेयर की सीमा तय करने के प्रयास अभी तक सफल नहीं हुए हैं. 2021 में NPCI ने 30% मार्केट शेयर कैप लगाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन अब तक ये लागू नहीं हो पाया है.

2 सूत्रों के मुताबिक बाजार हिस्सेदारी की ये सीमा थोपना तब बहुत गलत साबित हो सकता है, जब UPI मार्केट हर महीने नए रिकॉर्ड गढ़ रहा है. लेकिन बाजार पर इन दो कंपनियों के वर्चस्व को सीमित करने की भी जरूरत है.

बता दें तीसरी सबसे बड़ी UPI ऐप, पेटीएम से जुलाई में 1.23 लाख करोड़ रुपये के 113 करोड़ ट्रांजैक्शंस हुए, जो मार्केट शेयर के हिसाब से महज 7.8% और वैल्यू के हिसाब से 6% है.

इसकी तुलना में BHIM ऐप से जुलाई में 8,756 करोड़ रुपये के सिर्फ 2.5 करोड़ ट्रांजैक्शंस हुए. मतलब वॉल्यूम और वैल्यू, दोनों के हिसाब से ही BHIM काफी छोटा खिलाड़ी है. NPCI BHIM सर्विसेज से इन नंबर्स को बेहतर करने की कोशिश है.

NPCI ने की निवेश की तैयारी

तीसरे सूत्र ने बताया कि NPCI पहले ही 250-300 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश, BHIM ऐप को बेहतर बनाने और इसकी मार्केटिंग करने के लिए अलग रख चुका है. जैसे ही ऐप ज्यादा पॉपुलर होना शुरू होगा, इसमें और भी निवेश किया जाएगा.

तीसरे सूत्र ने ये भी बताया कि NPCI BHIM सर्विसेज के लिए फिलहाल किसी खास मार्केट पर फोकस नहीं किया जा रहा है. लेकिन प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए अकाउंट्स में UPI एक्सपेंशन एक अच्छा मौका हो सकता है.

इसके अलावा NPCI, BHIM को नए फीचर्स के टेस्टिंग ग्राउंड के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है. ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में ये दिखाई भी दिया. NPCI ने UPI सर्किल फीचर लॉन्च किया, जो यूजर्स को सेकेंडरी यूजर्स को एक तय सीमा में अपना खाता उपयोग करने की सुविधा देता है.

UPI सर्किल फिलहाल सिर्फ BHIM ऐप पर ही उपलब्ध है और उम्मीद है कि इससे UPI ग्रोथ का अगला चरण शुरू होगा. सूत्रों के मुताबिक इस प्रोडक्ट से दो अहम बाजार डेवलप करने की कोशिश है. पहला बच्चों के लिए उनके माता-पिता द्वारा दी जाने वाले पॉकेट मनी और दूसरा कॉरपोरेट पेमेंट्स को इस प्रोडक्ट द्वारा टारगेट किया जा रहा है.

कॉरपोरेट पेमेंट्स में भी कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए एक खास पेमेंट लिमिट सेट कर सकती हैं. इससे फंड के गलत इस्तेमाल को पूरी तरह रोका जा सकता है.

आगे उम्मीद की जा रही है कि BHIM ऐसे ही प्रोडक्ट्स लेकर आएगा, जिससे इसकी सर्विसेज को नई जरूरतों के हिसाब से उपयोग किया जा सकेगा और कंपनी को विस्तार का मौका मिलेगा.

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