फ्रांस की प्रमुख टायर कंपनी मिशेलिन ग्रुप (Michelin Group) के सीईओ फ्लोरेंट मेनेगॉक्स का कहना है कि वह भारत में पैसेंजर व्हीकल (Passenger Vehicle) के टायरों के मैन्युफैक्चरिंग के बारे में सक्रियता से विचार कर रहे हैं. पीटीआई-भाषा से बातचीत में मेनेगॉक्स ने कहा कि समूह भारत को एक अच्छे विकासशील बाजार के रूप में देखता है. सरकार के 2020 में आयात पर प्रतिबंध लगाने के बाद यहां कंपनी का परिचालन काफी सीमित रह गया है. स्थानीय तौर पर टायरों की मैन्युफैक्चरिंग (Tyre Manufacturing) से कंपनी को भारत में अपना ऑपरेशन बढ़ाने में मदद मिलेगी.
टायर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के 67 प्लांट हैं और यह 175 देशों में अपना व्यापार करती है. कंपनी वर्तमान में सिर्फ प्रीमियम बड़े आकार के टायर ही बेचती है, जिनका उपयोग विशेष रूप से भारत में किया जाता है. सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 2020 में मोटर कारों, बसों, लॉरी और मोटरसाइकिलों में उपयोग किए जाने वाले विशेष नए टायरों के आयात पर रोक (Tyre Import Ban In India) लगा दी थी.
टायर कंपनियां अब सीमित आयात लाइसेंस के अंतर्गत देश में सिर्फ सीमित संख्या में टायरों का आयात कर सकती हैं, जबकि 2020 से पहले ऐसा नहीं था.
मिशेलिन ग्रुप ने 2022 में विश्व स्तर पर लगभग 200 मिलियन टायर का उत्पादन किया, कंपनी ने 2050 तक अपने टायरों में 100 प्रतिशत सस्टेनेबल मटेरियल प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है. हाल ही में इसने दो टायरों का अनावरण किया, जिसमें एक कारों के लिए और दूसरा बसों के लिए हैं. इन दोनो टायरों में क्रमशः 45 प्रतिशत और 58 प्रतिशत सस्टेनेबल मटेरियल थे.