भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार वित्त वर्ष 2016-17 में 7.1 फीसदी रहने का अनुमान

साल 2016-17 में जीडीपी की विकास दर पिछले साल की विकास दर 7.6% से गिरकर 7.1% रहने के आसार हैं. चीफ स्टेसटिशियन टीसीए अनंत ने शुक्रवार को ये आंकड़े जारी किए.

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर...

साल 2016-17 में जीडीपी की विकास दर पिछले साल की विकास दर 7.6% से गिरकर 7.1% रहने के आसार हैं. चीफ स्टेसटिशियन टीसीए अनंत ने शुक्रवार को ये आंकड़े जारी किए. वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि ऐसे वक्त पर जब अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर से गुज़र रही है भारत पर भी इसका असर पड़ा है.  

दरअसल इन आंकड़ों में नोटबंदी का असर शामिल नहीं है. गुरुवार को ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आगाह किया था कि नोटबंदी से कालाधन और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई में ताकत मिलेगी लेकिन इसका असर अर्थव्यवस्था की रफ़्तार पर पड़ेगा और अस्थायी आर्थिक मंदी संभव है. यानी आगे आने वाले जीडीपी के आंकड़ों में और गिरावट आ सकती है.

अब उद्योग जगत सरकार से राहत की उम्मीद कर रहा है. एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल, डीएस रावत ने कहा, "हमारा आकलन है कि नोटबंदी की वजह से जीडीपी की विकास दर पर 1.5% से 2% तक प्रभावित होगी. अब सरकार को इस साल के आम बजट में इससे निपटने की तैयारी करनी होगी".

एसोचैम का मानना है कि नोटबंदी का सबसे ज़्यादा असर छोटे उद्योगों और कृषि क्षेत्र पर पड़ा है और इन क्षेत्रों से जुड़ें उद्यमियों और आम लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए सरकार को इस साल के बजट में बड़े स्तर पर पहल करनी होगी. देखना अहम होगा कि सरकार इस चुनौती से कैसे निपटती है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

लेखक IANS
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