जांच के लपेटे में अमेरिका, यूरोप के एक दर्जन बड़े बैंक

जो बैंक जांच के घेरे में हैं, उनमें गोल्डमैन साक्स, एचएसबीसी, यूबीएस, ड्यूश बैंक, बार्कले, आरबीएस, सिटीग्रुप तथा जेपी मॉर्गन शामिल हैं। इनमें से कुछ पर भारतीय रुपये के दैनिक व्यापार बाजार में हेराफेरी की गतिविधियों में शामिल होने का संदेह है।

अमेरिका और यूरोप के करीब एक दर्जन बड़े बैंक वैश्विक नियामकीय जांच के घेरे में हैं। इन बैंकों की वैश्विक फॉरेक्स बाजार में संदिग्ध गड़बड़ी के लिए जांच की जा रही है।

इनमें से कुछ पर भारतीय रुपये के 50 अरब डॉलर के दैनिक व्यापार बाजार में हेराफेरी की गतिविधियों में शामिल होने का संदेह है। कुछ बैंकों ने किसी खास गड़बडी का उल्लेख किए बगैर यह स्वीकार किया है कि कि उनके खिलाफ विदेशी विनियम बाजार में गड़बड़ी या अनियमितता के अरोप में नियामकीय एजेंसियों द्वारा जांच की जा रही है।

जो बैंक जांच के घेरे में हैं, उनमें गोल्डमैन साक्स, एचएसबीसी, यूबीएस, ड्यूश बैंक, बार्कले, आरबीएस, सिटीग्रुप तथा जेपी मॉर्गन शामिल हैं। इन बैंकों ने नियामकीय सूचनाओं में कहा है कि वे संबंधित जांच अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं। हालांकि, समझा जाता है कि इन संदिग्ध उल्लंघनों में कोई भारतीय बैंक शामिल नहीं है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अन्य वैश्विक मुद्राओं मसलन अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउंड, स्विस फ्रैंक तथा यूरो के साथ रुपये के सौदों में 'हेराफेरी या चालाकी' करने के संदिग्ध मामलों भी भी जांच की जा रही है। नियामकों ने कई बैंकों से फॉरेक्स व्यापारियों के विभिन्न समूहों तथा गड़बड़ी करने वाले लोगों साथ तत्काल संदेश के आदान-प्रदान का ब्योरा भी देने को है।

देखा गया है कि व्यापारियों के कुछ समूहों को अपस में नेटवर्किंग के लिए 'द कार्टल', 'द ड्रीम टीम', 'द बैंडिट क्लब' तथा 'द क्लब' जैसे सांकेतिक नामों का इस्तेमाल करते हुए पाया गया है। इस जांच में भारत सहित विभिन्न देशों के नियमाकीय संगठन एक-दूसरे के साथ सहयोग कर रहे हैं।

लेखक NDTV Profit Desk
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