वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) तेल एवं गैस उद्योग पर डालेगा बुरा असर : रिपोर्ट में कहा गया

इकरा-एसोचैम ने एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा, 'ऑयल एवं गैस उद्योग को वर्तमान कर व्यवस्था और जीएसटी दोनों का अनुपालन करना होगा, जिससे उस पर दोहरी अनुपालन लागत आएगी.

वस्तु एवं सेवा कर का तेल एवं गैस उद्योग पर बहुत बुरा असर पड़ेगा, क्योंकि इस क्षेत्र को वर्तमान कर व्यवस्था और जीएसटी ढांचा दोनों का पालन करना होगा. एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है.

सरकार एक जुलाई, 2017 से जीएसटी व्यवस्था लागू करने जा रही है जो 16 विभिन्न करों का स्थान लेगी. जीएसटी परिषद की अगली बैठक 18 जून को होगी जब वह लॉटरी कर और ई-वे बिल पर गौर करेगी.

इकरा-एसोचैम ने एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा, 'ऑयल एवं गैस उद्योग को वर्तमान कर व्यवस्था और जीएसटी दोनों का अनुपालन करना होगा, जिससे उस पर दोहरी अनुपालन लागत आएगी. उसकी वजह यह है कि पांच पेट्रोलियम उत्पादों- कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, मोटर स्पिरिट, उच्च क्षमता वाला डीजल और विमानन टर्बाइन ईंधन को जीएसटी से मुक्त रखा गया है, जबकि एलपीजी, नेफ्था, केरोसिन, ईंधन तेल आदि जीएसटी में शामिल किए गए हैं'.

रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योग को टैक्स पर क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा. तेल एवं गैस कंपनी संयंत्रों, मशीनरी और सेवाओं की खरीद पर जीएसटी का भुगतान करेगी, लेकिन वह तैयार उत्पाद की बिक्री पर क्रेडिट नहीं ले पाएंगे (क्योंकि वे जीएसटी के दायरे से बाहर हैं). इन ईधनों पर लगने वाले उत्पादशुल्क और मूल्यवर्धित शुल्क के बदले में जीएसटी लागत क्रेडिट योग्य नहीं होगा.

(इनपुट एजेंसी से)

लेखक NDTVKhabar News Desk
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